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ED जल्द ही कसेगा गांधी परिवार पर दबाव

नई दिल्ली। गांधी परिवार के सभी सदस्य जल्द ही आयकर विभाग और ईडी की जांच के दायरे में होंगे। 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले सरकार ने ताना-बाना बुनना शुरू कर दिया है। आयकर विभाग ने 2018-19 के आयकर मामलों में पुनः कर निर्धारण के लिए मामला सेंट्रल सर्किल (कर चोरी) के पास भेज दिया है। इस कार्रवाई के खिलाफ गांधी परिवार, राहत के लिए हाईकोर्ट में गया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने गांधी परिवार की याचिका को खारिज कर दिया है। इसके बाद जल्द ही गांधी परिवार की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं। (The pressure will tighten on the family)

गांधी परिवार के सभी ट्रस्टों की जांच आयकर विभाग का सेंट्रल सर्किल डिवीजन, गांधी परिवार से जुड़े सभी ट्रस्टों की जांच, नए सिरे से शुरू करने जा रहा है। मुख्य रूप से जवाहर भवन ट्रस्ट, राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट, संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, यंग इंडिया की जांच आयकर विभाग और ईडी मिलकर करेंगे। रक्षा सौदों में घेरने की तैयारी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार संजय भंडारी के साथ रॉबर्ट वाड्रा के तथाकथित लेनदेन को आधार बनाकर, गांधी परिवार के ट्रस्टों के माध्यम से जो लेनदेन हुए हैं। उनमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा को घेरने की तैयारी सरकार ने की है। उपरोक्त ट्रस्ट में जो भी लेनदेन हुए हैं। उसकी जांच आयकर विभाग और ईडी करेगा। जल्द ही गांधी परिवार को नोटिस भेजे जाएंगे। नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया के मामले में अभी तक जो जांच हुई है। उसमें ईडी को आशा जनक परिणाम नहीं मिले हैं। जो गिरफ्तारी का कारण बन सके. जमीन सौदे के मामले में हरियाणा सरकार को भी ऐसी कोई जानकारी और ठोस सबूत हासिल नहीं हुए। जिससे रॉबर्ट वाड्रा(जीजाजी) पर शिकंजा कसा जा सके।

संजय भंडारी पर सरकार की निगाहें सरकार का मानना है, कि गांधी परिवार को संजय भंडारी के लेनदेन से रक्षा सौदों के मामले में गांधी परिवार को घेरा जा सकता है। आयकर और ईडी की जांच और गिरफ्तारी होने पर विपक्षी एकता और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोबल को तोड़ने में सरकार को मदद मिलेगी। कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद सरकार काफी गंभीर हुई है। आम जनता के बीच गांधी परिवार की छवि धूमिल करने में आयकर विभाग और ईडी की बड़ी भूमिका होगी। (The pressure will tighten on the family)

विपक्ष के एकजुट होने से सरकार की परेशानी बढ़ी सरकार ने विपक्षी दलों को नेताओं की पहले से ही जांच शुरू कर रखी है। कुछ जमानत पर हैं, कुछ की जांच चल रही है, कुछ जेल में है। 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने गांधी परिवार, महाराष्ट्र के शरद पवार और अजीत पवार, उद्धव ठाकरे, अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को अपने निशाने में लिया है। ईडी, सीबीआई और आयकर तीनों विभाग मिलकर जांच कर रहे हैं। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने और नीति आयोग की बैठक में 10 मुख्यमंत्रियों के नहीं आने को सरकार ने गंभीरता से लिया है। माना जा रहा है, कि जल्द ही विपक्षी दलों के नेताओं को घेरने के लिए ईडी, सीबीआई बड़ी तेजी के साथ सक्रिय होंगी। चुनाव के पहले सभी को भ्रष्टाचार और अपराधिक मामलों में घेरने की तैयारी सरकार कर रही है। ताकि लोकसभा के चुनाव में विपक्ष की चुनौती का सामना किया जा सके।

 

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