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श्रीराजीव लोचन का जन्मोत्सव: भक्तों ने किया दिव्यरूप में दर्शन…

राजिम: माघ पूर्णिमा के अवसर पर भगवान श्री राजीव लोचन के प्रकट्य उत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर ब्रम्हमुहूर्त में मंदिर के पट खुला गया। मंदिर पुजारी समिति के अध्यक्ष रामकुमार सिंह ने बताया कि भगवान श्री राजीव लोचन को दूध, दही, घी, शक्कर से बने पंचामृत और मीठे फलां के रस से अभिषेक कराया गया। इसके पश्चात् बहुत ही सुंदर श्रृंगार किया गया। जिसमें स्वर्ण मुकुट, माला मूंग, (नवरत्न) कर्ण, मकराकृत कुंडल चक्र, पैजब चूडा़, बाजुबंध, पीतांबरी से सुसज्जित किया गया। श्रृंगार होने के बाद भगवान श्री राजीव लोचन अत्यंत ही मनमोहक नजर आ रहे हैं।

मंदिर के पुजारी ने बताया कि दोपहर में मुकुट को बदलकर पगड़ी पहनाते है। आज के दिन मंदिर पूरा समय श्रध्दालुओ के दर्शन के लिए मंदिर खुला रहता है। रात में आरती प्रसादी-भोग के बाद शयन के समय वृध्द पोषाक पहनाते है। भगवान को रिझाने और आशीर्वाद पाने के लिए प्यारी गाते है। मंदिर के पूजारी ने बताया कि आज के दिन भगवान जगन्नाथ मंदिर का पट बंद रहता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ स्वयं यहां उपस्थित होते है। यहां की प्रतिमा गजेन्द्र मोक्ष हरि अवतार है। भगवान के शयन के लिए प्रतिदिन दोपहर में दो घंटे के लिए एवं रात में पट खुलने तक बिस्तर लगाया जाता है।
गेंदा फूला से सजाया मंदिर का गर्भगृह

भगवान श्री राजीवलोचन का गर्भगृह और मंदिर के महामण्डप में दो क्विंटल से अधिक गेंदा फूल से खंभे एवं दीवाल को आकर्षक ढंग से सजाया गया हैं, जो कि बहुत ही आकर्षक दिखाई दे रहा है। मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालु इसकी भव्यता और सुन्दरता को देखकर अति प्रसन्न हो रहें है।

मंदिरो में रही अच्छी भीड़
इस बार माघ पूर्णिमा से ही श्रध्दालुओं की भीड़ देखने को मिली। श्री कुलेश्वर नाथ मंदिर में कतारबध्द होकर अपने बारी का इंतजार करते रहें। संगम में हर-हर गंगे, हर-हर महादेव, जय राजीव लोचन शब्द से जयकारा होती रहीं। नारियल धूप अगरबत्ती फूल आदि चढ़ाकर श्रध्दा सुमन अर्पित करते रहें। राजिम कुंभ का पहला दिन से ही भीड़ अच्छी दिखाई दी।

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