राजनांदगांव/डोंगरगढ़
( शशांक उपाध्याय)
डोंगरगढ़ में छठ पर्व पर डूबते सूरज को अर्ग देने के समय घाट सुने दिखाई दिए। हर वर्ष प्राचीन महावीर मंदिर तालाब में छठ पर्व बड़ी धूम धाम से मनाया जाता था , परंतु इस वर्ष इस पर्व पर कोरोना संक्रमण का ग्रहण सा लगा दिखाई दिया। विचारणीय है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में शायद डोंगरगढ़ शहर ही एक मात्र स्थान है जहा छठ पर्व पर घाट सुना दिखाई दिया। वहीं जब इसे ले कर हमने पर्वी लोगो से बात की तो उन्होंने यह बताया की उन्हें ऐसी जानकारी मिली थी कि स्थानीय प्रशासन द्वारा घाट पर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। वहीं जब स्थानीय एसडीएम से हमने बात की तो उनका कहना था कि डी जे की अनुमति नहीं है पूजा की जा सकती है। बहरहाल बात जो भी सच हो परंतु इस कोरोना काल में शहर में लगभग सभी त्योहार मनाए गए है फिर चाहे वो सतनाम यात्रा हो, गौरा गौरी हो या फिर दीपोत्सव जिनमें से कुछ आयोजन में डी जे भी लगे थे ।फिर ऐसे में जिस त्योहार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विशेष रूप से अवकाश कि घोषणा की गई थी ऐसे छठ पर्व पर कोरोना संक्रमण का ग्रहण माना जाए या फिर कुछ और यह आप सहज ही समझ सकते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि प्रदेश सरकार का स्लोगन गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ क्या केवल कागजों तक ही सीमित रह जाएगा?