
बिलासपुर: बिलासपुर एयरपोर्ट में सभी सुविधाओं की व्यवस्था सही तरीके से हो इसके लिए हाई कोर्ट में लगातार सुनवाई जारी है। शुक्रवार को एयर कंपनी अलांयस एयर की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार के साथ उड़ानों के संबंध में बैठक हुई है। इसमें बिलासपुर से दिल्ली, बिलासपुर से कोलकाता, बिलासपुर से प्रयागराज, बिलासपुर से जबलपुर और बिलासपुर रायपुर अंबिकापुर से रांची तक की फ्लाइट जल्द शुरू करने पर चर्चा हुई है। इसके साथ ही नाइट लैंडिंग के लिए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि अनुमति के लिए केन्द्र सरकार को दो पत्र लिखे गए हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। हाई कोर्ट ने मामले में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और डीजीसीए से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 19 जून को होगी।
बिलासपुर एयरपोर्ट मामले में शुक्रवार को एविएशन विभाग के एडिशनल डायरेक्टर पंकज जायसवाल और बिलासपुर एयरपोर्ट के डायरेक्टर एन विरेन सिंह पेश हुए। दोनों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने नाइट लैंडिग के लिए केन्द्र सरकार के डीजीसीए से नई टैक्नालाजी पीबीएन का उपयोग करने की अनुमति मांगी है। याचिकाकर्ता के वकील सुदीप श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि ये अनुमति पिछले चार महीने से पेंडिंग है। केन्द्र सरकार से इस पर कोई जवाब नहीं मिल सका है। इस कारण काम पिछड़ रहा है।
इसे रिकार्ड में लेते हुए हाईकोर्ट ने डीजीसीए और केन्द्र सरकार से इस पर जवाब मांगा है। साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह केन्द्र को लिखे हुए दोनों पत्र हाईकोर्ट में पेश करे। राज्य की ओर से कहा गया कि यह पत्र 17 जनवरी 2024 और 29 जनवरी 2024 को भेजे गए हैं। पीबीएन नई टेक्नालाजी है, जबकि अभी तक डीवीएआर टेक्नोलाजी उपयोग की जा रही है। इसके साथ ही नाइट लैंडिंग के बारे में बतया गया कि पश्चिम दिशा में पुरानी फैंसिंग को तोड़ने की अनुमति एविएशन विभाग से नहीं मिल रही है। इसे भी रिकार्ड में लिया गया है।
पिछली सुनवाई के दौरान अलायंस एयर ने यात्रियों की कमी के कारण जबलपुर और प्रयागराज की फ्लाइट रद्द करने की बात कही थी। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से पैसेंजर चार्ट प्रस्तुत कर दोनों फ्लाइट के लिए पर्याप्त पैसेंजर होने की जानकारी दी गई। इसमें जबलपुर की फ्लाइट से आने-जाने वाले पैसेंजर की औसत संख्या 38 और 56 बताई गई है।
इसी तरह प्रयागराज आने जाने वाले यात्रियों की संख्या औसत 50 और 58 बताई गई है। कोर्ट ने इस पर अलायंस एयर को जवाब देने के निर्देश दिए थे। शुक्रवार को अलांय एयर की ओर से बताया कि राज्य सरकार से इस बारे में चर्चा हुई है और पांच शहरों में उड़ान चालू करने पर सहमति बनी है। इसमें इसमें बिलासपुर से दिल्ली, बिलासपुर से कोलकाता, बिलासपुर से प्रयागराज, बिलासपुर से जबलपुर और बिलासपुर रायपुर अंबिकापुर से रांची तक की फ्लाइट जल्द शुरू की जा सकती है।
सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि पांच शहरों में उड़ान चालू करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अलांयस एयर कंपनी को सब्सिडी भी दी जाएगी। इस पर याचिकाकर्ता के एडवोकेट सुदीप श्रीवास्तव की ओर से कहा गया कि सब्सिडी मिलने पर दूसरी एयर कंपनियों को भी टेंडर में शामिल किया जा सकता है। इससे सरकार के साथ ही यात्रियों को बेहतर विकल्प और सर्विस मिल सकेंगे।
सरकार को इसके लिए ओपन टेंडर करना चाहिए। हाईकोर्ट ने इसे संज्ञान में लेने की बात कही है। मामले की अगली सुनवाई 19 जून को होगी केंद्र सरकार ने सब्सिडी के लिए किलोमीटर का दायरा तय कर दिया है, इसलिए विमान कंपनियां बिलासपुर से विमान चलाने की दिशा में आगे नहीं बढ़ रही हैं। जिन दो स्थानों के लिए निजी व सरकारी विमान कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है वे वीजीएफ वाले 600 किलोमीटर के दायरे में हैं। लेकिन उसकी अनुमति भी केंद्र सरकार नहीं दे रही है। बिलासपुर से विमान सेवा शुरू होने में सबसे बड़ी बाधा केंद्र सरकार की दी जाने वाली सब्सिडी है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि छत्तीसगढ़ में नियमित विमान सेवा पिछले दिनों बिलासपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर में एक साथ शुरू की गई थी। लेकिन पिछले एक साल में 10 फ्लाइट बंद की जा चुकी है। अलायंस एयर कंपनी ने यात्री नहीं मिलने की बात कहते विमान सेवा बंद की। जबकि हकीकत में यात्रियों को यह नहीं मालूम होता है कि फ्लाइट का समय कब है।
हर बार फ्लाइट अलग-अलग समय पर आती थी, इसलिए यात्री संशय में रहते हैं कि उन्हें किस विमान में जाना है। कई बार ऐसा होता कि फ्लाइट बिलासपुर की जगह रायपुर में यात्रियों को छोड़ देती है, जिससे यात्रियों को आर्थिक हानि होती है। यह भी कारण है कि यात्री कंपनी की लापरवाही की वजह से यात्रा नहीं करते। बाद में कंपनी बहाना बनाकर बिलासपुर से फ्लाइट बंद कर रही है।