
रायगढ़। आदिवासी अंचल कापू थाना क्षेत्र के जंगल के समीप बसे ग्राम चाल्हा आश्रित गांव धवाईढांढ के दुर्गम इलाके फांदापानी जंगल से गुरुवार को हुए तिहरे हत्याकांड मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गुरुवार को महुआ बीनने के लिए जंगल मे झोपड़ी बनाकर रहने वाले एक ही परिवार के तीन लोगों की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। इस पूरे प्रकरण का पर्दाफाश करते हुए एसपी अभिषेक मीणा ने पत्रकारवार्ता में इसकी जानकारी दी।
एसपी ने जानकारी देते हुए बताए कि दुहनी बाई (65)पति स्व रामधनी , उसका बेटा अमृत (30)पिता रामधनी व अमृता(14) ग्राम चाल्हा आश्रित गांव धवाईढांढ में निवासरत थे । गुरुवार को तीनों की लाश खेत में बने झोपड़ी में मिली।
प्रथम दृष्टया में ही हत्या की पुष्टि होने पर कापू पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर मृतकों के स्वजनो से लेकर गांव के लोगों से पूछताछ की । वही दूसरी और डाग स्क्वायड से लेकर फोरेंसिक टीम का भी सहारा लिया गया। घटनास्थल का सूक्ष्मता से जांच पड़ताल में एफएसएल टीम एवं थाना प्रभारी कापू जहां खून के काफी छंीटे पत्तों व जमीन पर होते मृतको के रिश्तेदार उरांवपारा निवासी फूलसाय अगरिया के बगल झोपड़ी में भी नजर आया।
पुलिस ने उक्त झोपड़ी में रहने वाले लोगो के बारे में जानकारी हासिल कर सभी से अलग -अलग पूछताछ करने लगी । तब उक्त झोपड़ी में रहने वाली टुनि बाई द्वारा गोल मोल जवाब देने पर पुलिस की संदेह की सुई घूमने लगी और पुलिस की एक टीम उनके मूल गांव चाल्हा पहुंची ।
जहां फूलसाय का बेटा विकेश अगरिया और विकेश की पत्नी कौशल्या अगरिया मिले । दोनों पति-पत्नी से कड़ाई से पूछताछ करने पर घटना की परत दर परत माजरा स्पष्ट होने लगा। जिसमें विकेश अगरिया ने पुलिस को बताया कि पिछले 5-6 साल से धवईडांड के फांदापाली जंगल में अपने मामा सुखसाय के खेत के पास महुआ बीनते आ रहे हैं ।
बगल में मामा मृतक अमृतलाल अगरिया का खेत लगा हुआ है। वही सुखसाय जो रिश्ते में अमृतलाल का बडा साला है, सुकसाय अपनी बहन टुनी बाई और उसके पति फुलसाय के परिवार को अपने हिस्से की जमीन के आसपास उपयोग करने बोला था ।
यही वजह हर बार विवाद की स्थिति बनती थी। हत्याकांड के दिन करीब शाम 6 से 7 बजे विकेश का परिवार घर के सभी सदस्यो के साथ खाना बना रहा था। इसी दरम्यान नानी दुहनीबाई उसकी नातिन अमृता को लेकर झाला में घूमने आई । सब लोग बैठकर घरेलू बातचीत कर रहे थे । तभी नानी दुहनीबाई ने बहू कौशल्या का बच्चा कैसे नहीं हो रहा है कहकर पूछताछ की। इस पर विकेश ने आक्रोशित होकर दुहनी बाई को चिल्लाते हुए तुम्हारे कारण बच्चा नहीं हो रहा है कहकर पास में रखे टांगी के पिछले हिस्से से दुहनीबाई के सिर में 3-4 बार मारा और उसकी नातिन
अमृता बाई को भी टांगी के पास 4-5 बार मारा । जिससे दोनों की मौत वही हो गई। जिसके बाद पिताजी फुलसाय के साथ अमृतलाल अगरिया के झाला में गया । जहां अमृतलाल अगरिया महुआ पीकर लेटा था ।अमृतलाल को सोते हुए में ही उस पर टांगी के पिछले हिस्से से 3-4 बार वार कर दिया। जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
हत्याकांड के बाद आरोपित विकेश का परिवार खुद को कानूनी फंदे झव बचने के लिए कई तरह के नाकाम कोशिश किए। जिसमें विकेश अगरिया अपने माता पिता,पत्नी के साथ मिलकर अमृतलाल, दुहनीबाई, अमृता के शव को उनके झाला के बाहर ले जाकर लेटा दिए। और अमृता के सिर पर वही चूल्हा के पास पड़े पत्थर रख दिए और सब वापस झाला आ गए । मां टुनी बाई और पत्नी कौशल्या ने खून लगा कपड़ा और खून से सने चटाई को चूल्हा में जला दी। इसके बाद हत्या में प्रयुक्त टांगी को बोर के पास कीचड़ में जाकर छुपा दिया।
गिरफ्तार आरोपित
पुलिस ने मामले में विकेश अगरिया (21) पिता फुलसाय ,उसके पिता फुलसाय अगरिया (50) पिता जगर साय , माता टुनी बाई अगरिया (46), पत्नी कौशल्या अगरिया (19) को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त टांगी, व अन्य सामान जब्त किया गया है।
महुआ विवाद और बच्चा नही होने का खीज पर की हत्या
पुलिस ने बताया कि आरोपित परिवार लंबे समय से दुहनी बाई से नाराज रहते थे। इसकी वजह जमीन विवाद और जादू टोने की आशंका था। पुलिस जांच में ज्ञात हुआ कि आरोपित विकेश अपने रिश्ते की नानी दुहनीबाई पर जादू टोना किए जाने शक करता था। जिसके कारण उसकी पत्नी कौशल्या को बच्चा नहीं हो रहा है और उसकी भी तबियत आए दिन खराब रहता है।