विदेश

छत्तीसगढ़ से जुड़ी है गांधी की यादें आज भी नमन करते हैं लोग

अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजादी दिलवाने वाले और ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि से सम्मानित महात्मा गांधी दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। सत्य और अहिंसा के पुजारी गांधी जी ने भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा और शांति का पाठ पढ़ाया था। मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टबर 1869 को हुआ था। इसलिए हर साल 2 अक्टूबर को दुनियाभर में ‘गांधी जयंती’ मनाई जाती है, इस दिन को ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के रूप में भी सेलिब्रेट किया जाता है।

स्वच्छता अभियान से लेकर अहिंसा दिवस तक 
इस दिन गांधी वादी सामाजिक संस्थाओं और सरकार की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें स्वच्छता अभियान से लेकर अहिंसा, स्वदेशी और लोकतंत्र तक की बातें की जाती हैं। ये सब आयोजन बड़े स्तर पर होते हैं। जबकि क्या गांधीजी अपना जन्मदिन मनाते थे, अगर मनाते थे तो कैसे मनाते थे या वे अपने जन्मदिन पर क्या करते थे, अधिकांश लोग आज भी नहीं जानते हैं। 

छत्तीसगढ़ में आजादी के पहले महात्मा गांधी का पहला आगमन 20 दिसंबर 1920 को कंडेल नहर सत्याग्रह लेकर हुआ । दूसरा आगमन 22 नवंबर 1933 को हुआ आजादी की लड़ाई के लिए गांधीजी ने छत्तीसगढ़ के विभिन्न जगहों में सभा संबोधित किया गांधी जी का तीसरा आगमन ट्रेन से कोलकाता जाने वक्त रायपुर रेलवे स्टेशन में 1946 में हुआ । इस दौरान राजधानी के कई लोगों समेत स्कूली विद्यार्थियों ने उनका स्वागत किया स्वागत में राजधानी के डाइट कॉलेज पेंड्रा सेवानिवृत्त प्राचार्य 94 वर्षीय सुरेश ठाकुर ड्राइंग पेपर में बापू की तस्वीर बनाकर हस्ताक्षर लिया।

rjnewslive

Get live Chhattisgarh and Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. rjnewslive.com collects article, images and videos from our source. Which are using any photos in our website taking from free available on online.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button