दिवाली से पहले सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल, घटेगी LPG की कीमत? मोदी कैबिनेट की मीटिंग में लिए गए कई बड़े फैसले
![](https://rjnewslive.com/wp-content/uploads/2023/07/default-images-780x470.jpg)
नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट की बैठक में आज कई बड़े फैसले लिए गए हैं। सरकार ने तेल कंपनियों को राहत दी है। साथ ही जनता को महंगी गैस से राहत देने के लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि तेल कंपनियों को 22 हजार करोड़ रुपए की वन टाइम ग्रांट को सरकार मंजूरी देगी.
गौरतलब है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने इससे पहले 30 हजार करोड़ रुपये सब्सिडी की मांग की थी। तेल कंपनियों को रसोई गैस की खुदरा बिक्री पर नुकसान हो रहा है और इसी नुकसान की भरपाई के लिए ये राहत दी जा रही है.
ये भी पढ़ें- बड़ी खबर: BJP विधायक का Video वायरल, कहा- ‘देवियों को पटाओं’…
अनुराग ठाकुर ने दी जानकारी
MODI CABINET MEETING: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा पिछले दो साल के दौरान रसोई गैस एलपीजी की लागत से कम मूल्य पर बिक्री करने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी.(Modi cabinet meeting)
इस अनुदान इन कंपनियों द्वारा पिछले दो साल के दौरान रसोई गैस की रूप में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी को लागत से कम मूल्य पर बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाएगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि पिछले दो साल से घरेलू रसोई गैस को लागत से कम मूल्य पर बेचा जा रहा है।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक बैठक में तीन पेट्रोलियम विपणन कंपनियों – इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड को एकमुश्त अनुदान देने की मंजूरी दी।
ये भी पढ़ें- CG BREAKING : कबड्डी खेल में पटकने के दौरान एक युवक की मौत ! ग्रामीणों ने किया चक्का जाम ,
अनुदान जून, 2020 से जून, 2022 तक उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर एलपीजी बिक्री पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए होगा। तीनों कंपनियां उपभोक्ताओं को सरकार द्वारा नियंत्रित कीमतों पर घरेलू एलपीजी बेचती हैं.
जून, 2020 से जून, 2022 के बीच रसोई गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए उनपर लागत वृद्धि का पूरा भार नहीं डाला गया.(Modi cabinet meeting)