एजुकेशनछत्तीसगढ़देशबड़ी खबरविदेश

नासा : आर्टेमिस अंतरिक्ष यात्रियों को यहीं उतारने का मंसूबा,क्षेत्र की हालत नाजुक,स्टडी में सामने आई ये जानकारी

वॉशिंगटन: भारत ने अपने चंद्रयान को चंद्रमा पर साउथ पोल पर लैंड कराया था। अब नासा भी आने वाले बरसों में आर्टेमिस अंतरिक्ष यात्रियों को यहीं उतारने का मंसूबा बना रहा है। हालांकि फिलहाल इस क्षेत्र की हालत नाजुक है और यह भूकंप से प्रभावित है। यह बात सामने आई है एक स्टडी में जो नासा के सहयोग से की गई है। यह स्टडी प्लैनेटरी साइंस जॉर्नल में प्रकाशित हुई है। इस अध्ययन में बताया गया है कि यह क्षेत्र हाल ही में भूकंपीय रूप से सक्रिय पाया गया है। इसमें यह बात भी समने आई है कि चंद्रमा सिकुड़ रहा है।

इस अध्ययन को वॉशिंगटन के स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के टॉम वैटर्स ने लीड किया है। इसमें इस बात के संकेत मिले हैं कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भूकंप के गंभीर झटके लग सकते हैं। जानकारी के मुताबिक इन झटकों के पीछे मौजूदा फॉल्ट्स या नए थ्रस्ट फॉल्ट हो सकते हैं, जिसके चलते चंद्रमा सिकुड़ रहा है। नासा के लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (एलआरओ) ने मून क्रस्ट में हजारों छोटे, युवा थ्रस्ट फॉल्ट का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

चंद्रमा सबसे तगड़ा झटका जो आया था वह दक्षिणी पोलर क्षेत्र में ही था। अपोलो पैसिव सेस्मिक नेटवर्क ने इसका पता लगाया था। अब नासा इस बात का भी पता लगाने में जुटी है कि चंद्रमा पर इस तरह की कितनी गतिविधियां हो रही हैं। टीम ने चंद्र दक्षिण-ध्रुवीय क्षेत्र में सतह ढलानों की स्थिरता का आकलन किया। पाया गया है कि कुछ क्षेत्रों में मामूली भूकंपीय गतिविधि के साथ भी रेजोलिथ भूस्खलन का खतरा हो सकता है। इस स्टडी से इस बात के भी संकेत मिले हैं कि यहां पर बर्फ हो सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button