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RAIPUR: राजधानी में अवैध प्लाटिंग पर नगर निगम की ताबड़तोड़ कार्रवाई, पढ़े पूरी खबर…

रायपुर: रायपुर नगर निगम शहर में अवैध प्लाटिंग के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। बुधवार को सड्डू में चल रहे अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलवा दिया है। निगम ने सड्डू में ईरानी डेरा के सामने सरकारी जमीन पर हुए अवैध कब्जे को खाली करवा दिया है। दरअसल, कब्जा करने वाले ने जमीन के चारों ओर बाउंड्री वॉल बना दी थी। लोहे का गेट भी लगवा दिया था। गेट के सामने भू-स्वामी का नाम समारु साहू लिखा हुआ है। जिसे निगम अमले ने तोड़ दिया है।

रोजाना अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई रायपुर नगर निगम की टीम पिछले एक सप्ताह से शहर के अलग-अलग इलाके पर कार्रवाई कर रहा है। गोंदवारा में करीब 3 एकड़ रायपुरा में, 3 अलग-अलग स्थानों पर लगभग 13. 51 एकड़ और न्यू संतोषी नगर बोरिया में लगभग 5 एकड़ जमीन पर हो रहे अवैध प्लाटिंग पर प्लाटों की डीपीसी, पोल हटाकर और अवैध बोर बंद करने की कार्रवाई की है।

कलेक्टर ने ली थी राजस्व अमले की बैठक 14 मई को कलेक्टर गौरव सिंह ने जिले के राजस्व अमला और नगर निगम जोन कमिश्नर की बैठक ली थी। जिसमें जिले में अवैध प्लाटिंग रोकने निर्देश दिए गए थे। रायपुर कलेक्टर ने अवैध प्लाटिंग करने वाले लोगों से संबंधित व्यक्ति और संस्था को प्रकरण दर्ज कर नोटिस देने कहा है। इसके साथ ही मौके पर जाकर अवैध निर्माण के संबंध में स्थल पंचनामा, फोटोग्राफ लेकर पटवारी प्रतिवेदन लाने और अवैध कॉलोनी के निर्माण में एफआईआर दर्ज कराने कहा है।

उरकुरा और अमलीडीह में भी अवैध प्लाटिंग पर हुई कार्रवाई राजधानी सहित आसपास के गांवों में अवैध प्लाटिंग का कारोबार बेखौफ चल रहा है। भूमाफियाओं को प्रशासन की कार्रवाई का कोई खौफ नहीं है। वो तो किसी की खेती भी जमीन जो एक करोड़ एकड़ होगी तो 20 लाख रुपए देकर पावर आफ अटर्नी लिखा कर जहां -तहां धड़ाधड़ प्लाटिंग कर रहे है। प्रशासन की सख्त आदेस के साथ खुद मौके पर पहुंच कर कार्रवाई कर रहे है उसके बाद भी अवैध प्लाटिचंग जारी है। कुछ दिन पूर्व ही कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के निर्देश पर जिले में अवैध प्लाटिंग पर निरंतर कार्रवाई की जा रही है। जिला प्रशासन की टीम ने जिले में 4 अलग-अलग स्थानों पर अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई करते हुए रोक लगाई गई है।

रायपुर तहसील अंतर्गत उरकुरा में अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई करते हुए तत्काल रोक लगाई गई है। धरसींवा के मांढर में निजी भूमि पर की गई अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाते हुए कार्रवाई की गई है। कोटा और अमलीडीह में भी अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई करते हुए मुरूम की रास्ते को नष्ट किया गया। अभी तो शहर के आसपास गांवों में भू माफियाओं की रंगदारी सिर चढ़ कर बोल रही है। वो जो कर देते है प्रशासन की उनके काम में हाथ नहीं डालती है। कही कार्रवाई हो रही है लेकिन ये कार्रवाई अवैध कालोनी में बसी राजधानी की कालोनियों की फिर से जांच हो तथा कब्जा की जमीन को लेकर सरकार या प्रशासन का कोई गाइड लाइन नहीं होने से अवैध प्लाटिंग ने कमाई का रास्ता खोल दिया है। जिसमें सारे लोग हिस्सेदारी में शामिल है।

रायपुर तहसील में अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई करते हुए तत्काल रोक लगाई गई है। धरसींवा के मांढर में निजी भूमि पर की गई अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाते हुए कार्रवाई की गई है। कोटा और अमलीडीह में भी अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई करते हुए मुरूम की रास्ते को नष्ट किया गया। कलेक्टर के निर्देश पर यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। इस कार्रवाई में राजस्व अमला, नगर निगम, ग्राम पंचायत की टीम उपस्थित रही है।

रायपुर नगर निगम शहर में अवैध प्लाटिंग के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। सड्डू में चल रहे अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलवा दिया है। निगम ने सड्डू में ईरानी डेरा के सामने सरकारी जमीन पर हुए अवैध कब्जे को खाली करवा दिया है। दरअसल, कब्जा करने वाले ने जमीन के चारों ओर बाउंड्री वॉल बना दी थी। लोहे का गेट भी लगवा दिया था। गेट के सामने भू-स्वामी का नाम समारु साहू लिखा हुआ है। जिसे निगम अमले ने तोड़ दिया है।

रोजाना अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई रायपुर नगर निगम की टीम पिछले एक सप्ताह से शहर के अलग-अलग इलाके पर कार्रवाई कर रहा है। गोंदवारा में करीब 3 एकड़ रायपुरा में, 3 अलग-अलग स्थानों पर लगभग 13. 51 एकड़ और न्यू संतोषी नगर बोरिया में लगभग 5 एकड़ जमीन पर हो रहे अवैध प्लाटिंग पर प्लाटों की डीपीसी, पोल हटाकर और अवैध बोर बंद करने की कार्रवाई की है। कलेक्टर गौरव सिंह ने जिले के राजस्व अमला और नगर निगम जोन कमिश्नर की बैठक ली थी। जिसमें जिले में अवैध प्लाटिंग रोकने निर्देश दिए गए थे।

रायपुर कलेक्टर ने अवैध प्लाटिंग करने वाले लोगों से संबंधित व्यक्ति और संस्था को प्रकरण दर्ज कर नोटिस देने कहा है। इसके साथ ही मौके पर जाकर अवैध निर्माण के संबंध में स्थल पंचनामा, फोटोग्राफ लेकर पटवारी प्रतिवेदन लाने और अवैध कॉलोनी के निर्माण में एफआईआर दर्ज कराने कहा है। अवैध निर्माण को वैध कराने वालों ने नही दिया जुर्माना, नेाटिस राजधानी के तीन हजार लोगों ने अवैध निर्माण को नियमितीकरण प्रक्रिया से वैध तो कर दिया लेकिन अब जुर्माने के पैसे नहीं दे रहे हैं। पिछले साल अगस्त में अवैध निर्माण को वैध करने आवेदन मंगवाए गए थे, उस हिसाब से करीब 9 माह हो चुके हैं। तीन हजार लोगों ने नियमितीकरण के बाद जुर्माने की रकम अदा नहीं की है। ऐसे लोगों को अंतिम नोटिस जारी किया जा रहा है। नोटिस में उन्हें 4 जून तक का समय दिया जाएगा। इस तारीख तक जुर्माने की रकम अदा नहीं करने वालों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया जाएगा। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की नियमितीकरण प्रक्रिया के अनुसार जुर्माने की रकम पिछले साल अगस्त में ही जमा करनी थी।

इन लोगों पैसे जमा नहीं किए। निर्धारित समय सीमा गुजरने के बाद सभी को तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया गया। इसके बावजूद इन लोगों ने जुर्माना नहीं चुकाया। अब इन सभी को एक साथ नोटिस भेजा जा रहा है। पिछली सरकार ने अवैध निर्माणों को वैध कराने के लिए लोगों को बड़ा मौका दिया था। इसके लिए करीब 16 हजार लोगों ने अवैध निर्माण को वैध करने आवेदन दिया। आवेदनों की समीक्षा के बाद उसकी छंटाई की गई। इसमें से 11 हजार आवेदनों को वैध करने की दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी कर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को भेजा गया। इन 11 हजार लोगों में ही करीब 3000 ऐसे हैं जिन्होंने जुर्माने की रकम ही अदा नहीं की। हालांकि उन्हें उसी समय निगम की ओर से जारी डिमांड नोट में कहा गया था कि जितना जुर्माना लगाया गया है उसे 15 दिनों के भीतर जमा करवा दें। लेकिन लोगों ने जुर्माना अदा नहीं किया। इसके बाद नियमानुसार इन सभी लोगों को तीन महीने का समय और दिया गया। लेकिन ये अवधि भी गुजर गई लेकिन लोगों ने शुल्क जमा नहीं किया।

इसके बाद ही इन सभी को नोटिस जारी किया जा रहा है। 100 करोड़ से ज्यादा की रकम मिलेगी: जिन लोगों ने तय समय के बाद भी नियमितिकरण शुल्क नहीं दिया है विभाग के अनुसार उनसे 100 करोड़ से ज्यादा की वसूली करनी है। यही वजह है कि टाउन एंड प्लानिंग विभाग इस बार सख्त हो गया है। ऐसे लोगों को पहले नोटिस जारी की जा रही है। जो नोटिस का जवाब नहीं देंगे, उनके निर्माण पर कार्रवाई की जाएगी। जो लोग शपथ पत्र देकर ?शुल्क जमा करने के लिए कुछ समय मांगेंगे उन्हें राहत भी दी जाएगी। लेकिन इस बार उनसे शपथ पत्र मांगा जाएगा। शपथपत्र में उन्हें निर्धारित तारीख लिखकर देनी होगी, उस तारीख तक उन्हें हर हाल में शुल्क की रकम जमा करनी होगी।

4 जून के बाद ऐसे लोगों की सूची जोनवार निगम वालों को सौंपी जाएगी। इसके बाद निगम का दस्ता उन निर्माणों तक पहुंचेगा जो अवैध? हैं। क्योंकि अभी निगम वाले वहां जाते भी हैं तो उन्हें डिमांड नोट की कॉपी दिखाकर वापस कर दिया जाता है। उनसे कहा जाता है कि उनके पास अभी पैसे नहीं हैं, इंतजाम होने पर जल्द अदा कर देंगे। डिमांड नोट सरकार की ओर से ही जारी किया गया है इसलिए निगम वाले बिना कोई कार्रवाई किए वापस आ जाते हैं। विनित नायर, संयुक्त संचालक, टाउन प्लानिंग के अनुसार ऐसे सभी लोगों की पहचान कर ली गई है जिन्होंने नियमितिकरण का शुल्क तय समय में अदा नहीं किया है। अब इन सभी को पहली बार नोटिस जारी की जा रही है। आचार संहिता के बाद शुल्क नहीं देने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

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