
नई दिल्ली. लोकसभा चुनावों को अब एक साल से भी कम वक्त बचा है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी संगठन में बड़े फेरबदल करने जा रही है. पार्टी लगभग एक दर्जन राज्यों के प्रभारी और दस राज्यों के अध्यक्ष बदलने की रणनीति बना रही है. यही नहीं जून के आखिर तक होने वाले बदलाव में कांग्रेस कार्यसमिति का गठन भी कर दिया जाएगा. पार्टी इस बदलाव में दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को तरजीह देगी. कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे अब संगठन में बदलावों को अमली जामा पहना रहे है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के विदेश से आते ही इसपर मुहर लग जायेगी.
सबसे पहले करीब एक दर्जन राज्यों के अध्यक्ष बदले जाने का प्रस्ताव है, ये राज्य है पश्चिम बंगाल जहां अधीर रंजन चौधरी अध्यक्ष हैं. दिल्ली अध्यक्ष अनिल चौधरी को भी बदला जाएगा. इसके अलावा तमिलनाडु अध्यक्ष अलागिरी, छत्तीसगढ़ के मोहन मकरम, झारखंड के राजेश ठाकुर, यूपी के बृजलाल खाबरी, राजस्थान के गोविंद सिंह डोटासरा, अरूणांचल प्रदेश के नबाम तुकी, केरल के सुधाकरन और महाराष्ट्र के नाना पटोले का नाम भी बदलने वालों की लिस्ट में शामिल हैं.
हीं, करीब एक दर्जन राज्यों के प्रभारी महासचिव भी बदले जा सकते हैं. ये राज्य है पंजाब, यूपी, बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, झारखंड, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, असम, ओडिशा, उत्तराखंड. यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी अब ये भूमिका छोड़ना चाहती हैं. वहीं, रणदीप सुरजेवाला ने भी कर्नाटक का प्रभार छोड़ने की पेशकश की है. इस फेरबदल में बीके हरिप्रसाद, अलका लांबा, गौरव गोगोई, ज्योति मनी, संजय निरुपम, दीपेंदर हुड्डा जैसे नेताओं को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है. संगठन महासचिव के पद के लिए अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला और मोहन प्रकाश का नाम चर्चा में है. कांग्रेस कार्यसमिति का गठन भी किया जाएगा. यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई, सेवादल के भी नए मुखिया बनाये जाएंगे.