इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक अदालत ने गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने और देश के कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में पहली प्राथमिकी रद्द करने तथा जमानत दिए जाने का अनुरोध करने वाली देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दीं।
खान (71) को पिछले साल मार्च में वांिशगटन में देश के दूतावास द्वारा भेजे एक गोपनीय राजनयिक दस्तावेज का खुलासा करने के लिए उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किए जाने के बाद अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने इस मामले में उन्हें तथा उनके करीबी सहयोगी पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को दोषी ठहराया था। दोनों नेता जेल में बंद हैं।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष खान ने अगस्त में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) द्वारा दर्ज प्राथमिकी रद्द करने और इस मामले में जमानत के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया था।
मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे शुक्रवार को सुनाया गया। यह मामला मार्च 2022 में वांिशगटन में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजे एक दस्तावेज के बारे में है जिसे खान ने पिछले साल अप्रैल में यह कहते हुए राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश की थी कि यह उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकने की विदेशी साजिश का सबूत है। खान और कुरैशी ने आरोप स्वीकार नहीं किए हैं। संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने 30 सितंबर को खान तथा कुरैशी के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया था।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को मामले में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली खान की याचिका खारिज कर दी थी। अदालत को खान को पहले 17 अक्टूबर को दोषी ठहराना था लेकिन खान के वकीलों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि उन्हें आरोपपत्र की प्रतियां उपलब्ध नहीं करायी गयी हैं।
खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव लाकर सत्ता से बाहर कर दिया गया था। इस्लामाबाद की एक अदालत ने उन्हें तोशाखाना मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनायी थी जिसके बाद उन्हें इस साल पांच अगस्त को जेल में डाल दिया गया। वह अटक जिला जेल में हैं।
बाद में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी सजा निलंबित कर दी लेकिन उन्हें गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें बाद में अदियाला जेल ले जाया गया। पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बाहर होने के बाद से खान के खिलाफ 150 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।