भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज ंिसह चौहान ने मंगलवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय ंिसह और कमलनाथ को “शोले” फिल्म के किरदारों ‘जय’ और ‘वीरू’ के रूप में संर्दिभत करते हुए कटाक्ष किया कि वे लूटे गए माल के बंटवारे को लेकर आपस में लड़ रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला द्वारा पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय ंिसह की तुलना 1975 में आई फिल्म में अभिनेता अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र द्वारा निभाए गए ‘जय’ और ‘वीरू’ के किरदार से किए जाने के कुछ दिन बाद चौहान की टिप्पणी आई है।
कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि दिग्विजय ंिसह और कमलनाथ पार्टी नेतृत्व से मिलने के लिए मंगलवार को दिल्ली में हैं। इन नेताओं की दिल्ली यात्रा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा, ‘‘जय-वीरू की जोड़ी को दिल्ली बुलाया गया है। जैसा कि अखबारों ने बताया, वे (कांग्रेस नेता) कह रहे हैं कि भाजपा भ्रम पैदा कर रही है (कमलनाथ तथा ंिसह के बीच मतभेद के बारे में)। दिल्ली (कांग्रेस नेतृत्व) ने उन्हें क्यों बुलाया है?’’
उन्होंने आरोप लगाया, ”जय और वीरू लूट के माल को लेकर आपस में लड़ रहे हैं।” चौहान ने कहा, ‘‘2003 से पहले भी, मिस्टर बंटाधार (जैसा कि भाजपा दिग्विजय ंिसह को कहती है) ने पूरे राज्य को लूटा और नष्ट कर दिया। यहां तक कि 15 महीने के शासन के दौरान, कमलनाथ जी ने मध्य प्रदेश को लूट का केंद्र बना दिया। अब विवाद केवल इस बात को लेकर है कि लूटने वालों में अगला कौन होगा और उसमें (लूट के माल) किसको किस तरह का हिस्सा मिलेगा। इसमें दिल्ली भी शामिल है।’’
सुरजेवाला ने शनिवार को कहा था कि ंिसह और कमलनाथ के बीच रिश्ता वैसा ही है जैसा ‘शोले’ में धर्मेंद्र (वीरू) और अमिताभ बच्चन (जय) द्वारा निभाए गए किरदारों के बीच था। उन्होंने शनिवार को भोपाल में कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर कथित खींचतान पर कहा था, “…न तो गब्बर ंिसह (फिल्म का मुख्य खलनायक) उनमें (फिल्म में) लड़ाई करवा सका और न ही भाजपा का गब्बर ंिसह यहां ऐसा करवा पाएगा।”
इस महीने की शुरुआत में, कमलनाथ का एक वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने कथित तौर पर शिवपुरी से एक नेता को टिकट देने से इनकार करने पर अपनी पार्टी के लोगों से ंिसह के कपड़े फाड़ने के लिए कहा था। इससे उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी में मतभेद की चर्चाएं तेज हो गई थीं। हालाँकि, पूर्व मुख्यमंत्रियों ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की। भाजपा ने शुक्रवार को फिर आरोप लगाया था कि टिकट वितरण पर विवाद के बाद ंिसह ने खुद को चुनाव प्रचार से दूर कर लिया है। मप्र में 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए 17 नवंबर को चुनाव होगा।