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Chhattisgarh: चुनावी घोषणाओं की पूर्ति हेतू अब जनता से वसूला जाएगा दोगुना लगान…

नावी घोषणाओं की पूर्ति हेतू कंहा से लाओगे 70 हजार करोड़ रुपए। कांग्रेस और भाजपा ने छत्तीसगढ़ की अवाम को साधने हेतू धरातल पर कर रखे हुए है, बड़े बड़े दावे जिसकी पूर्ति हेतू चुकाने पड़ सकते है, लोगों को हर चीज का अधिक दाम। जरा सोचिए एक एक पाई पाई के खातिर दिन और रात भर जी जान लगा कर मेहनत के जरिए पसीना बहा कर अपने बच्चों को बेहतर जीवन देने की तमन्ना रखने वाले हर मां बाप को क्या नहीं देने पड़ेंगे राजनीतिक दलों की चुनावी घोषणाओं की पूर्ति हेतू दुगूना लगान।

छत्तीसगढ़ राज्य के मत्थे पर वैसे भी कर्ज का बोझ अपार है, बावजूद इसके भारी भरकम चुनावी वायदों का पुलिंदा। पहले से ली गई कर्ज का ब्याज 6% की दर से भर रही है सरकार। अब जिसकी सरकार बनेगी वह भी इस दर से चुकायेगी कर्ज, लेकिन चुनावी घोषणाओं की पूर्ति हेतू क्या और कर्ज नहीं लेंगे आगे आने वाली सरकार?रायपुर : मनसुख शैम्पू लगाएगा, पैसा आपकी जेब मे आएगा।

16-17 साल पहले एमवे नाम की कम्पनी आयी थी। नेटवर्क मार्केटिंग कम्पनी थी। यह कंपनी वही सामान बेचती, जो चौथाई दाम में अगल बगल की दुकान में मिल सकता है।लेकिन आपको अब इस कम्पनी से खरीदना था। मार्केटिंग के लिए कम्पनी दो डिस्ट्रीब्यूटर बनायेगी। वो दोनों भी दो दो बनाएंगे। वे भी अपने अपने नीचे दो दो बनाएंगे। इस तरह से चेन बनेगी।

अब हर कोई कम्पनी से खरीदी कर रहा है। जिसका कमीशन चेन के ऊपर वालों को बंट रहा है। आप भी जुड़िये, तो आपके नीचे वालो का कमीशन, आपको मिलेगा। इस तरह आपके राइट लेफ्ट में दो तीन लेवल बन गए तो आप सिल्वर बनोगे, महीने के दस बीस हजार फोकट में आएंगे। आपके नीचे दस बीस सिल्वर हो गए तो आप डायमंड बन जाओगे। दो चार लाख कमीशन आएगा।

इस तरह आप धीरे धीरे एमराल्ड से प्लेटिनम से टाइटेनियम से प्लूटोनियम से यूरेनियम बनते जाएंगे। आपका कमीशन करोड़ो में आने लगेगा। आप मर्सिडीज ले लेना, प्लेन खरीद लेना, विदेश चले जाना, मंगल ग्रह में प्लाट ले लेना। आपको बस, अपने नीचे जोड़कर, दूसरों का चू काटना है।
तो मेरे पास एक नेटवर्किंया आया।

तमाम फंडा समझाकर बोला- देखा.. मनसुख शैम्पू लगाएगा, पैसा आपकी जेब मे आएगा। बात मेरी समझ मे न आती दिखी। तो उसने एक मीटिंग में बुलाया। वहां उसका सिल्वर आया था। इस बार पावरपॉइंट पर दिखाया। बोला – देखा, मनसुख शैम्पू लगाएगा, पैसा आपकी जेब मे आएगा। बात फिर भी समझ मे न आई, तो अगली बार सेमिनार में बुलाया। इस बार डायमंड अंकल ने एलसीडी स्क्रीन पर वीडियो दिखाया।

बोले- देखा.. मनसुख शैम्पू लगाएगा, पैसा आपकी जेब मे आएगा। बात फिर भी समझ मे न आई। पहली बात ये, कि आखिर 2 रुपये का शैम्पू जिसे हेमामालिनी नाच- नाच के बेचती है, उसे मनसुख 200 रुपये में काहे खरीदेगा और दूसरी ये, की एजेंट से लेकर सिल्वर, डायमण्ड, टाइटेनियम तक ये पूरा गैंग, मिलकर बेचारे मनसुख को शैम्पू से नहलाना ही क्यों चाहते है?

उस वक्त बात समझ न आई थी, इतने बरसों बाद समझ मे आयी है।
मनसुख और कोई नही,
मैंइच था..
चू मेरा कट रहा था, और मुझे लगता कि मैं दूसरो का काट रहा हूँ। शैम्पू से मैं नहाता और मंगल में प्लाट एमवे का मालिक लेता। अब आप पूछेगें- भाई गब्बर, उर्फ मनसुख भाई, ये बुद्धत्व अभी जाकर कैसे मिला??
अजी एयरपोर्ट देखकर।

यात्रा पर हूँ। एयरपोर्ट में घुसा हूँ। कार पार्किंग में लगाकर आया हूँ, उसका पैसा अडानी को जाएगा। भीतर दस की कॉफी सौ में पी है, पैसा अडानी को जाएगा। बाथरूम में जाकर सुसु किया, तो पैसा अडानी को जाएगा। क्योकि प्लेन टिकट के एयरपोर्ट चार्ज में उसका पैसा जुड़ा हुआ है।

किसी भी एयरलाइन के प्लेन में उडूँ, पैसा तो अडानी को जाएगा। एयरलाइंस से भी चार्ज वसूला गया है, जो असल में मुझसे वसूल कर अडानी को दिया गया है,लेकिन एयरपोर्ट जाना भी तो जरूरी नही। मैं घर से टैक्स दूंगा, सरकार बंदरगाह, रेलवे, एयरपोर्ट बनाएगी। फिर प्रोपर्टी चोर दरवाजे से अडानी की हो जाएगी। मेरे यूज का हर सामान, यहां तक की मेरी पसंदीदा गांजा अफीम भी, रेडीमेड हो या रॉ मटेरियल, जब भी बाहर से आयेगा, तो पैसा अडानी की जेब मे जाएगा।

सारे पोर्ट उसके हवाले हैं। हर सामान की कीमत में उसका टैरिफ है। एक भी सामान, देश मे दो इंच भी खिसकेगा, पैसा अडानी की जेब मे जाएगा। कोयले, बिजली के हर सारे ट्रांसपोर्ट पर उसका कमीशन है। इसके लिए अडानी ने क्या किया। कुछ नही, देश की पूरी ब्यूरोक्रेसी और सत्ता प्रतिष्ठान को अपना। नेटवर्क मार्केटिंग चैनल बना लिया। जो मेरा ही शैम्पू मुझे बेच रहा है। मेरे उपर एजेंट, सिल्वर, डायमंड बैठे हैं।

उनका नाम पन्ना प्रभारी, ब्लाक प्रमुख,जिलाध्यक्ष,महासचिव,सरसंघचालक वगैरह हैं। मीटिंग अब भी होती है, जनसभा कहलाती है। बड़े बड़े सेमिनार भी होते हैं।उसे चुनावी रैली कहते हैं। # चूकादे जहां इकट्ठा होता है।
इसमे टाइटेनियम यूरेनियम वगैरह, निजी प्लेन से आते हैं,आठ हजार करोड़ का प्लेन। आकर बताते है- “मनसुख तेल लगाएगा, विकास तेरी जेब मे आएगा” न कभी एमवे वालो का चेक आया, न इनका विकास। जनता इनके थूक का शैम्पू घिस घिस कर गंजी हो चुकी है। पर बार-बार, डब्बे के डब्बे खरीद रही है।

उनके कमीशन के चेक टाइम पर आ जाते हैं, जिसे कोड वर्ड में इलेक्टोरल बांड कहते हैं। पर असल फायदा कम्पनी का मालिक का है। वो मंगल पर प्लॉट लेने में इंटरेस्टेड नही था। तो ऑस्ट्रेलिया में खदान ले ली है ।
लेकिन चेक करें, यहीं मेरे कमेंट बॉक्स में शैम्पू घिस-घिसकर गंजा हो चुका हुआ एक चू-मनसुख आएगा। गाली देगा। उसे अब भी विश्वास है..
“इंडिया शैम्पू लगाएगा, विकास उसकी जेब मे जाएगा और हमारे नेता चुनाव में बार बार नारा लगायेगा हमारी सरकार बनी तो हम ये देंगे वो देंगे।

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