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Chhattisgarh Congress: 4 करोड़ में टिकट बेचने और मौज- मस्ती के आरोप में निपटी सैलजा

रायपुर। करीब 15 वर्ष के वनवास के बाद 2018 में कांग्रेस ने 68 सीटों के भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की थी, तब प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया थे। 5 दिसंबर 2022 वह तारीख जब कुमारी सैलजा को छत्तीसगढ़ का प्रदेश प्रभारी बनाया गया। तब छत्तीगसढ़ में कांग्रेस की सत्ता थी। 3 दिसंबर 2023 वह तारीख जब छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 का परिणाम जारी किया गया। 2018 में 68 सीट पाने वाली कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई इसके साथ ही देश में सबसे लोकप्रिय सरकारों में शामिल भूपेश बघेल सरकार सत्ता से बाहर हो गई। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस में गुस्सा और विरोध के स्वर फूटने लगे। तमाम अनुशासन का डंडा चला लेकिन नाराज और दुखी कार्यकर्ताओं का भड़ास खुलकर सामने आने लगा। टिकट बेचने से लेकर कई तरह के आरोप लगे।

 

पार्टी संगठन के नेता कह रहे हैं कि कुमारी सैलजा के आने के बाद प्रदेश कांग्रेस संगठन में गुटबाजी बढ़ी। इतना ही नहीं सरकार और संगठन के बीच की खाई और बढ़ गई। कुमारी सैलजा इन कमियों को दूर करने में पूरी तरह असफल रहीं। विवाद इतना बढ़ा कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की कुर्सी छीन ली गई। हालांकि उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया, लेकिन इसका असर प्रदेश संगठन और चुनाव पर भी पड़ा।

प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा और टिकट वितरण के साथ की कांग्रेस में विरोध के स्वर फूटने लगे। कुमारी सैलजा पर पहला आरोप विधानसभा चुनाव के दौरान ही लगा। बिलासपुर जिला की सीपत सीट से कांग्रेस विधायक रह चुके अरुण तिवारी ने 8 नवंबर को बिलासपुर में प्रेसवार्ता लेकर बिलासपुर के तत्कालीन महापौर रामशरण यादव के साथ मोबाइल पर अपनी बातचीत का ऑडियो जारी किया। इसमें तिवारी ने 4 करोड़ रुपये में बेचने का आरोप लगाया। बताया कि यह पैसा हवाला के जरिये हरियाणा रोहतक पहुंचाया गया है। कुमारी सैलजा रोहतक की रहने वाली है।

मामला यही नहीं थमा, चुनाव परिणाम आते ही सबसे पहला हमला पूर्व विधायक बृहस्तप सिंह ने किया। रामानुजगंज सीट से लगातार चुनाव जीत रहे बृहस्तप सिंह का टिकट इस बार काट दिया गया था। बृहस्तप सिंह ने आरोप लगाया कि कहा कि प्रभारी मैडम सैलजा ने टीएस बाबा को ऐसे प्रमोट किया, जैसे कोई किसी हिरो को कैसे प्रमोट करता है, ठीक उसी तरह जब से वो छत्तीसगढ़ की प्रभारी बनी हैं तब से वो सिर्फ टीएस बाबा को प्रमोट कर रही थी।

इससे पहले मनेंद्रगढ़ के पूर्व विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने प्रदेश के प्रभारी सचिव चंदन यादव पर 7 लाख रुपये लेने का आरोप लगाया। जायसवाल ने कहा कि तीन माह पहले जब चुनाव सामने थे, इस समय प्रभारी सचिव चंदन यादव यहां आए और सर्किट हाउस में मुझसे चार लाख और शहर के एक इंटरनेशनल होटल में तीन लाख लिये। मैं ये नहीं कहता कि ये पैसा टिकट के नाम पर लिया गया। सचिव चंदन यादव ने कहा था कि पार्टी में बहुत खर्चे होते है इसी के लिए ये पैसे है

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