चंडीगढ़: पंजाब के लोकप्रिय दिवंगत गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (Sidhu Moosewala Murder Case) की सुनवाई के दौरान एक भी आरोपी अदालत में पेश न किए जाने के बाद मानसा की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने जेल प्रशासन को सभी आरोपियों को 28 जून को व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत में पेश किए जाने के आदेश जारी किए हैं.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मूसेवाला मर्डर केस की सुनवाई करते हुए मानसा की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुरभि पराशर ने कहा कि इन आरोपियों के वारंट 28 जून के लिए फिर से जारी किए जाएं और जेल अधीक्षकों को निर्देश दिया जाता है कि वे उन्हें व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश करें.
एसआइटी ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और जग्गू भगवानपुरिया सहित 31 अभियुक्तों के खिलाफ दो आरोपपत्र दायर किए हैं. इसमें दावा किया गया है कि यह हत्या बिश्नोई और बंबीहा गिरोहों के गैंगवार का हिस्सा थी.
मूसेवाला हत्याकांड मामले में पंजाब पुलिस द्वारा चार्जशीट दायर किए हुए 9 महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अदालत ने अभी तक आरोपियों के खिलाफ आरोप तय नहीं किए हैं, क्योंकि अधिकारियों के लिए एक साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी को पेश करना एक चुनौती है.
पुलिस अभी तक की सुनवाई के दौरान एक बार में 6 ही आरोपियों को पेश कर पाई है, जबकि लॉरेंस बिश्नोई को सुनवाई में सिर्फ एक बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया है. कुल 31 आरोपियों में से पुलिस ने 27 को गिरफ्तार किया था, लेकिन उनमें से दो मनदीप सिंह और मनमोहन सिंह तरनतारन जिले की गोइंदवाल जेल में हुई झड़प में मारे गए थे.
गोल्डी बराड़, लिपिन नेहरा, अनमोल बिश्नोई, लॉरेंस बिश्नोई के भाई और उनके भतीजे सचिन बिश्नोई थापन विदेश में हैं. बिश्नोई को हाल ही में बठिंडा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि अमृतसर में पुलिस मुठभेड़ में दो आरोपी जगदीप रूपा और मनप्रीत मारे जा चुके हैं.