मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मजदूर दिवस पर नागरिकों से बोरे बासी खाने की अपील की है। बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ मेहनतकश लोगों का प्रदेश है, इस पावन भूमि को हमारे किसानों और श्रमिक भाइयों ने अपनी मेहनत के पसीने से उर्वर बनाया है। लहलहाते खेतों की बात करें या अंधेरी खदानों से खनिज ढूंढ लाने की बात करें। कारखानों में धधकते लोहे से मजबूत स्टील बनाते हाथ हों या वनांचल में महुआ, तेंदूपत्ता जैसे वनोपज एकत्र करने वाले हाथ हों। देश को प्रदेश को हमारे किसान भाइयों और श्रमिक भाइयों ने ही अपने मजबूत कंधों में संभाल रखा है।
अपने आहार और संस्कृति के प्रति गौरव का होगा अहसास: बघेल
बघेल ने कहा कि एक मई को हर साल हम इन्हीं मेहनतकश लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए मजदूर दिवस मनाते हैं। हम सभी को मालूम है कि हर छत्तीसगढ़िया के आहार में बोरे-बासी का कितना अधिक महत्व है। हमारे श्रमिक भाईयों, किसान भाइयों और हर काम में कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली हमारी बहनों के पसीने की हर बूंद में बासी की महक है।
जब हम कहते हैं बटकी मा बासी अऊ चुटकी मा नून…तो यह श्रृंगार हमें हमारी संस्कृति से जोड़ता है। गर्मी के दिनों में बोरे बासी शरीर को ठंडा रखता है, पाचन शक्ति बढ़ाता है त्वचा की कोमलता और वजन संतुलित करने में भी यह राम बाण है। बोरे बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।