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बीती रात वाहनों पर कार्रवाई,संयुक्त टीमों ने रविवार की रात दो अलग-अलग मार्गों पर निरीक्षण…

बिलासपुर। पर्यावरण प्रदूषण का गंभीर कारण बन रहे आठ ट्रक वाहनों पर बीती रात कार्रवाई की गई। संबंधित थानों में खड़ी कर विस्तृत जांच की जा रही है। कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर दो संयुक्त टीमों ने रविवार की रात दो अलग-अलग मार्गों पर आकस्मिक निरीक्षण किया। एक टीम मस्तूरी मार्ग पर और दूसरी टीम पेंड्री बाइपास से बेलतरा तक निरीक्षण किया।

स्पेशल टीम ने आधी रात तक दो मार्गों में 62 ट्रकों की जांच की। इनमें आठ ट्रक में नियम-कायदों का उल्लंघन करते पाया गया। ट्रक चालकों द्वारा तारपोलीन अथवा ग्रीन नेट ढके बिना खुले में परिवहन किया जा रहा था। इन आठ ट्रकों में से तीन ट्रक को रतनपुर थाने में, दो ट्रक को मस्तूरी थाने में और तीन ट्रक को खनिज विभाग को आगे की जांच एवं कार्रवाई हेतु सुपुर्द किया गया है। जिन ट्रकों की जब्ती की गई है उनमें सीजी 15 एसी 2419, सीजी 10 सी 6521, सीजी 10 एएल 4539, सीजी 10 एपी 5402, सीजी 10 बीजे 4724, सीजी 10 सी 8033, सीजी 10 आर 1525, सीजी 15 एसी 2255। गौरतलब है कि बिलासपुर एवं इसके आस-पास बड़ी संख्या में कोल वाशरी, राखड़ एवं रेत का परिवहन किया जाता है। नियमानुसार इन्हें ढक कर परिवहन किया जाना है। नहीं ढकने पर इनके डस्ट सड़क और वातावरण में गिरकर प्रदूषण फैलाते हैं। कलेक्टर के निर्देश पर इन दिनों प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के विरूद्ध सघन अभियान छेड़ा गया है। इस तरह धरपकड़ की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। कलेक्टर ने सभी ट्रक मालिकों एवं परिवहन कर्ताओं को नियमों के अनुरूप कारोबार चलाने के सख्त निर्देश दिए हैं।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों पर गौर करें तो खनिज पदार्थों के परिवहन करने वाले वाहनों में तिरपाल होना जरुरी है। खनिज पदार्थों के परिवहन के दौरान इसे अच्छी तरह तिरपाल से ढंकने के बाद ही परिवहन किया जाना है।आमतौर पर यह देखने में आता है कि इस कार्य में लगे भारी वाहन चालक लापरवाही बरतते हैं और बिना तिरपाल ढंके ही तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं। इससे दोपहिया व चारपहिया वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रेत के सड़कों पर बिखरने के कारण दोपहिया वाहन चालकों के लिए खतरा बना रहता है।

कोयला परिवहन करने वाले भारी वाहनों के चालक भी लगातार एनजीटी के निर्देशों को उल्लंघन कर रहे हैं। तिरपाल ढंकने के बजाय खुले में परिवहन करते हैं। इसके कारण सड़कों पर कोयले का डस्ट पूरे समय उड़ते रहता है। सड़कों पर कोयला का डस्ट धूल की तरह जम जाता है। दोपहिया या चार पहिया वाहन के गुजरते समय काेयले का डस्ट उड़ते रहता है। इसके आने जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है साथ ही दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है।

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