अंबिकापुर: इन दिनों सरगुजा संभाग में आरटीओ उड़नदस्ता का अवैध वसूली का गोरख धंधा जमकर फल फूल रहा है जो रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हाल में ही उड़न दस्ता निरीक्षक जितेंद्र भूषण अपने सहयोगियों के साथ बनारस रोड स्थित चंदौरा क्षेत्र में पैसों के लेन- देन को लेकर चालकों से अभद्रता और विवाद करते दिखाई दे रहे हैं और ट्रक चालकों से चालान के नाम पर मोटा रकम वसूल जा रहा है आए दिन इस तरीके का नजारा आपको देखने को मिल जाएगा।
विवाद परिवहन विभाग के अफ़सर और ट्रक ड्राइवरों के बीच की है। अब आइये आपको पूरा माजरा समझाते हैं। दरसअल राजस्थान के ट्रक चालक देवराज गुर्जर का आरोप है कि आये दिन अंबिकापुर में परिवहन विभाग के अफ़सर बेवजह उनकी गाड़ियों को रोककर अवैध रूप से पैसे की माँग करते हैं और ना देने पर उनसे मारपीट तक की नौबत भी आ जाती है।
परिवहन विभाग के जितेंद्र नाम के अफ़सर पर ट्रक ड्राइवर का आरोप है कि प्रत्येक गाड़ी से चार-चार हज़ार रुपये की माँग की गई साथ ही प्रवेश शुल्क के नाम से अलग से एक हज़ार रुपये भी देने को कहा गया। बात यहीं ख़त्म नहीं हुई जब ट्रक ड्राइवर ने नगद ना होने की बात कही तो उसे मुकेश कुमार राजवाडे नाम के शख़्स के मोबाइल पर फ़ोन पे द्वारा पैसे देने को कहा गया।
शासन के खाते में पैसा न डाल निजी खाते में जमा कराया जा रहा पैसा
इस पूरे मामले में जब परिवहन विभाग के आला अधिकारियों से पूछा गया तो उनका रटा रटाया जवाब पहले से तैयार था कि मामले की जाँच की जाएगी , लेकिन वो इस बात को साफ़ नहीं कर पाये कि उनके निरीक्षक द्वारा शासन के खाते में पैसे ना जमा करके किसी व्यक्ति के निजी खाते में क्यों जमा करवा रहे हैं। वहीं बातों बातों में उन्होंने स्वीकार किया कि अधिकारी को हर हाल में पैसे शासन के ही खाते में डालना है।
परिवहन विभाग में बना लगातार ख़ौफ़ का माहौल
अब सवाल ये उठता है कि अगर शासन के खाते में सारे पैसे जाने चाहिये तो आख़िर ये मुकेश कुमार राजवाड़े कौन है जिसके खाते में निरीक्षक जितेंद्र भूषण पैसे ट्रांसफ़र करवा रहे थे । दूसरी ओर ट्रक मालिक संघ के अध्यक्ष का कहना है कि परिवहन विभाग में लगातार ख़ौफ़ का माहौल बना कर अवैध वसूली में पूरी तरह संलिप्त है । साथ ही पूरी जानकारी होने के बावजूद आला अफ़सर अपनी आँखें मूँदे बैठे हैं ।
अवैध वसूली का एक नया धंधा ज़ोर शोर से शुरू
बहरहाल सरगुजा संभाग में आरटीओ उडनदस्ता टीम के द्वारा खुलेआम अवैध वसूली का एक नया धंधा ज़ोर शोर से शुरू किया गया है. जिसके तहत छोटे वाहनों से लेकर बड़े वाहनों तक हजारों रुपए वसूले जाते हैं. जिसका रिकॉर्ड तक उडनदस्ता टीम के पास नहीं होता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या जाँच का आश्वासन देने वाले आला अफ़सर इस पर कोई कड़ा रुख़ अपनाएगी या फिर ये मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा ।