15 दिनों के भीतर हो हस्ताक्षर आरक्षण विधेयक में, नहीं होने पर संघ होगा आंदोलन के लिए बाध्य…

छत्तीसगढ़: अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ द्वारा किए गए मांग के फल–स्वरुप छत्तीसगढ़ विधानसभा में दिनांक 02 दिसंबर 2022 को सभी दलों के 90 विधायकों द्वारा सर्वसम्मति से छत्तीसगढ़ लोकसेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों ) अधिनियम 2022 पारित करने के बाद विधानसभा द्वारा महामहिम राज्यपाल के पास अनुमोदन हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किया गया है। परंतु आज दिनांक तक उक्त विधेयक में ना ही अनुमोदन हेतु हस्ताक्षर हुआ है और ना ही कोई उचित कार्यवाही हुई है । आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा लगातार हस्ताक्षर हेतु मांग के बावजूद उपरोक्त विधेयक को राजभवन में लटका कर रखने के कारण छत्तीसगढ़ के विभिन्न विभागों में अनुसूचित जनजाति वर्ग को सीधी भर्ती, पदोन्नति में भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। (The reservation bill should be signed within 15 days)

संघ के प्रदेश अध्यक्ष आर एन ध्रुव ने कहा कि आगामी सत्र में मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज एवं अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ होगा। आदिवासी समाज के छात्र-छात्राओं को 32% आरक्षण नहीं मिलने से घोर क्षति होने वाला है।
महामहिम राज्यपाल छत्तीसगढ़ शासन को लिखे ज्ञापन में आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु अतिशीघ्र छत्तीसगढ़ लोकसेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों ) अधिनियम 2022 पर हस्ताक्षर कर न्याय दिलाने की मांग की गई है। साथ ही महामहिम राष्ट्रपति महोदय भारत सरकार नई दिल्ली, माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री भारत सरकार, माननीय श्री भूपेश बघेल जी,मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन सहित समस्त माननीय सांसद , माननीय विधायक, माननीय समाज प्रमुख गण आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ को मांगों के समर्थन में निवेदन किए हैं। श्री ध्रुव जी ने कहा कि 15 दिनों के भीतर अनुमोदन हस्ताक्षर या उचित कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ आंदोलन के लिए बाध्य होगा। (The reservation bill should be signed within 15 days)
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