रायपुर। छत्तीसगढ़ की विधानसभा की कार्यवाही के तीसरे दिन गुरुवार को अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी। बुधवार को CM भूपेश बघेल ने अनुपूरक बजट पेश किया , सरकार द्वारा 3807 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया गया है। अनुपूरक बजट पर आज चर्चा होगी। आज सदन में गौठान में मवेशियों की मौत के मामले में हंगामा हो सकता है। वहीं ध्यानाकर्षण में सूरजपुर शक्कर कारख़ाना और हथकरघा बुनकर समितियों का मुद्दा भी उठेगा। CM भूपेश बघेल आज शासकीय संकल्प भी प्रस्तुत करेंगे ।
इसके पहले बुझवार को हाथियों की मौत पर विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने ध्यानाकर्षण किया, जिसमें उन्होने कहा कि पिछले तीन महीनों में 10 हाथियों की मौत हुई, आख़िर सीमित क्षेत्रों में ही हाथियों की मौत क्यों हो रही है ? उन्होने कहा कि मुझे संदेह है यहां अंतरराष्ट्रीय रैकेट सक्रिय है। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में हाथियों के अंगों की क़ीमत काफ़ी है।
जिसमें वन मंत्री मो अक़बर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोई भी अंतरराष्ट्रीय रैकेट सक्रिय नहीं है, हाथियों की मौत विभिन्न वजहों से हुई है। कोरोना पर विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव भी लाया है
बुधवार को कोरोना स्थगन प्रस्ताव पर लंबी चर्चा हुई। कल यानि बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही में कोरोना स्थगन चर्चा के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से कोरोना संक्रमण बढ़ा है। हम लगातार यह अपील कर रहे थे कि मजदूरों को ट्रेन से भेजा जाए, केंद्र सरकार ने समय पर फैसला नहीं लिया, बाद में फिर यही फैसला लेना पड़ा।
सीएम ने कहा कि पूरे देश में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू है, हमें इसी के अंतर्गत रहकर काम करना होता है। अलग से कोई कार्ययोजना नहीं बना सकते, केंद्र सरकार एसपी और कलेक्टर तक से बातचीत कर जानकारियां ले रही है। हमें केंद्र सरकार के नियमों के अनुरूप ही कोरोना संक्रमण से लड़ाई लड़नी होगी। यह कहना ठीक नहीं है कि मजदूरों के आने से संक्रमण के मामले बढ़े। विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित हो गई है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही जारी है, कोरोना स्थगन प्रस्ताव पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि मैं उम्मीद कर रहा था कि कोरोना संक्रमण रोकने के सुझाव पर होगी चर्चा। लेकिन विपक्ष ने सिर्फ क्वारंटाइन सेंटरों पर ही ध्यान दिया। वर्तमान में क्वारंटाइन सेंटरों में 2000 से कुछ अधिक लोग ही हैं।
उन्होेने कहा कि निसंदेह टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है, सरकार इस दिशा में काम कर रही है, भारत में कोरोना की दस्तक के बाद पुणे में लैब स्थापित किया गया था। वहां पूरे देश के सैंपल ले जाया करते थे, वहां से शुरू होकर हमने प्रदेश के कई जिलों में टेस्टिंग की सुविधा शुरू की है। आगामी दिनों में रोज़ाना 20 हज़ार कोरोना टेस्टिंग का लक्ष्य होगा। उन्होने आगे कहा कि 196 करोड़ से अधिक राशि कोरोना से निपटने के लिए खर्च की गई है। केंद्र सरकार से जो राशि मिली है वह राज्य का अधिकार है, यह छत्तीसगढ़ का संवैधानिक अधिकार है।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब तक पैरामिलिट्री फोर्स में कोरोना के 2 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। अगर कोई मामला मृत्यु का सामने आया है तो इस तरह नहीं कहना चाहिए कि हत्या करा दी गई। जिन विषयों के जांच की बात कही गई है मैं उसे संज्ञान में लेकर जांच करा लूंगा। सरकार अपनी ओर से दिन-रात परिश्रम कर लोगों की जान बचाने में जुटी है। कोरोना संक्रमण से लड़ने पर ही पिछले कुछ महीनों में सरकार का सबसे अधिक फोकस रहा है।