
बलौदाबाजार -: जिला कलेक्टर सुनिल कुमार जैन ने जिले में वन विभाग द्वारा किये जा रहें विभिन्न निर्माणधीन कार्यों का निरीक्षण किया। साथ ही वन विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे रोजागर मुखी कार्य गौशाला,पशु आहार, ट्री गार्ड निर्माण, सँयुक्त वन प्रबंधन समिति की महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से संचालित दोना पत्तल निर्माण केन्द्रों का जायजा लेकर जैन ने उनके कार्यो को सराहा। कलेक्टर जैन ने कसडोल विकासखण्ड के अंतर्गत राम वन गमन पथ मार्ग पर स्थित पुरातात्विक केंद्र नारायणपुर में निर्माणधीन महानदी तटबंध के कार्यों का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने नदी तट एवं मंदिर का दर्शन कर जगह की तारीफ करतें हुए कहा इसे एक पर्यटन केंद्र रूप में विकसित किया जा सकता हैं। पर्यटन केंद्र के हिसाब से निर्माण कार्य में तेजी लाने सम्बंधित विभाग को दिशा निर्देश दिये गए हैं। गौरतलब हैं कि विगत माह पूर्व राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व में पूरी टीम द्वारा इस जगह का निरीक्षण राम वनगमन पथ मार्ग के अंतर्गत चिन्हाकित कर पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गयी थी। निरीक्षण के दौरान डीएफओ श्आ लोक तिवारी भी उपस्थित थे। कलेक्टर ने सँयुक्त वन प्रबंधन समिति नवागांव के महिला स्व सहायता समूहों द्वारा संचालित दोना पत्तल निर्माण केंद्र के महिलाओं से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया। स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने श्री जैन को बताया कि लॉकडॉउन के दौरान हमारे समिति द्वारा लगभग 10 हज़ार मास्क का निर्माण कार्य किया था। जिससे करीब 1 लाख रुपये का अतिरिक्त आमदनी महिला स्व सहायता को प्राप्त हुआ। दोना पत्तल का जिला मे बड़ी माँग हैं इनको बेचने से जो अतिरिक्त आय का सृजन होता हैं। उनसे हम सब आत्मनिर्भर हो रहें हैं। कलेक्टर ने पलारी विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम धमनी में संयुक्त वन प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा संचालित वन विभाग का मॉडल गौशाला का अवलोकन किया।कलेक्टर ने 13 गौपालकों को संयुक्त वन प्रबंधन समिति धमनी द्वारा संचालित रिवॉल्विंग फंड अनुदान राशि से 26 लाख रुपये की सहायता गौपालकों को प्राप्त हुआ हैं। जिसमें प्रत्येक गौपालक को दो दो लाख रुपये की राशि दूधारू गाय खरीदने के लिए मंजूर की गई थीं। वर्तमान में गौशाला में उन्नत नस्ल की 47 गायें हैं। जो प्रतिदिन लगभग 300 लीटर दुग्ध का उत्पादन कर रहें है। जिन्हें देवभोग एवं स्थानीय मार्केट में विक्रय कर दिया जाता हैं।अतिरिक्त दूध से खोवा एवं पनीर का भी निर्माण किया जा रहा हैं। निश्चित ही इनसे एक अतिरिक्त आय का सृजन गौपालकों को हो रहा हैं। कलेक्टर ने वन प्रबंधन समिति द्वारा संचालित पशु आहार निर्माण संयत्र कों भी देखकर खुशी जाहिर की। उन्होंने जिला पंचायत को एनआरएलएम के तहत जरूरी सहयोग प्रदान करने के निर्देश भी दिये गए हैं। इस दौरान ग्रामवासी सहित वन विभाग के प्रमुख अधिकारी एवं कर्मचारी गण उपस्थित थे।