नगर पंचायत खरौद के शासकीय लक्ष्मणेश्वर महाविद्यालय इन दिनों अपनी बदहाली पर बहा रहा है आंसू,अभी तक शासन प्रसासन को जानकारी नहीं ? पढ़िए पूरी खबर।
जांजगीर चाम्पा :- पामगढ़ ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले नगर पंचायत खरौद जिसे छत्तीसगढ़ का काशी कहा जाता है जहां एक कॉलेज लक्ष्मणेश्वर महाविद्यालय है जो कि शासन प्रसासन और जनप्रतिनिधियो की अभाव की वजह से अपनी बदहाली पर आशु बहा रहा है।
इस कॉलेज ने अब तक न जाने कितनों की जिंदगी बनाई है, लेकिन आज इसी महाविद्यालय से पढ़ लिख कर आगे बढ़ कर बड़े-बड़े अधिकारी और नेता बन बैठे हुए अधिकारी ही इस ओर सुध नही ले रहे है। जिसको लेकर छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष और कैबीनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त डॉक्टर रामसुंदर दास महंत से जब आज मीडिया की टीम ने पूछा तो उन्होंने मीडिया की टीम को इस कॉलेज की स्थिति के बारे से मुझे जानकारी नही है कहते नजर आए और जनप्रतिनिधियों से जानकारी लेने की बात कही वही जब कॉलेज के बारे में मीडिया की टीम ने खरौद के ही पूर्व लोकषभा सासंद प्रत्याशी रवि शेखर भारद्वाज से पूछा तो उन्होने बिना जानकारी के भजपा पर निशान साध दिया। जबकि वह उसी नगर के रहने वाले है और एक बड़े कांगेस नेता है वही रहकर कॉलेज की सही जानकारी उनको प्राप्त नही हैं।
वही अब बड़ा सवाल यह उठता है कि बिना जानकारी के भाजपा पर निशाना साध दिया वही बात करे लक्ष्मणेश्वर महाविद्यालय की तो यह भी कहा जाता है कि स्वर्गीय सांसद परसराम भारद्वाज के कार्यकाल में बने इस कॉलेज की स्थापना हुई थी वही 15 साल तक भाजपा ने छत्तीसगढ़ में राज किया और इस कॉलेज का लोकार्पण छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने 2007 में किया था वही अब खरौद नगर के कॉलेज लक्ष्मणेश्वर महाविद्यालय की स्थिति बद से बदत्तर हो गई है, वही बात की जाए छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त डॉक्टर राम सुंदर दास महंत की तो वो खरौद से मात्र 2 से 3 किलोमीटर की दूरी पर ही रहते है और फिर भी उन्हें इस बात की जानकारी नही होना यह मंत्री जी के निष्क्रियता को साफ दिखाता है ।
बात करे छत्तीसगढ़ की कांगेस की सरकार की तो भूपेश सरकार नारा लगाती है गड़बो नवा छत्तीसगढ़ वही मंत्री बनने के बाद भी जानकारी नही होना यह बड़े सवाल खड़े करता है वही बात करे खरौद के कॉलेज की स्थिति की तो वह इस कांगेस की सरकार में सुधार पाती है या फिर खाली बयानों में शुर्खिया बन कर रह जाती है यह आने वाला वक्त ही बताएगा की छत्तीसगढ़ में कैसे गढ़ती है नवा छत्तीसगढ़ और इस पुराने कॉलेज की स्थिति को सुधार पाएगी या नही।