छत्तीसगढ़

“जिले में कोविड-19 की जांच के लिए संदिग्ध एवं पीड़ित मरीजों को इंतजार न करना पड़े इसके लिए शुरू की गईं रैपिड एन्टीजन टेस्ट प्रणाली

       

महासमुंद 01 सितम्बर 2020/-कोविड-19 के बढ़ते प्रकरणों को देख जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनो संयुक्त रूप से चिकित्सकीय प्रबंधन में जुटे हुए हैं। इस ओर, संक्रमण जांच के लिए प्रारंभ से चल रही आरटीपीसीआर परीक्षण की प्रक्रिया के साथ जिले में रैपिड एन्टीजन टेस्ट यानी कोविड-19 की त्वरित जांच सहित ट्रू-नाॅट का सेटअप भी स्थापित है। जिसमें, क्रमशः पंद्रह एवं औसतन एक से दो घंटे के बीच ही नमूनों का परीक्षण कर यह पता लगा लिया जाता है कि व्यक्ति में कोविड-19 का संक्रमण है या नहीं।
जिला स्वास्थ्य से मिली जानकारी के मुताबिक इन व्यवस्थाओं के उन्नयन करने की पहल अब पूर्णता की ओर है। आगामी 24 से 48 घंटे के भीतर ही पहले से बेहतर सेवा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशानुसार आपेक्षित बदलाव किए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे ने बताया कि उनके दफ्तर के समीप बने सखी सेंटर में संचालित फीवर क्लीनिक और अधिक सुरक्षित करने के लिए जिला प्रशासन ने भी हरी झंडी दे दी है। जिसके तहत उक्त परिसर में एक पृथक कक्ष का निर्माण होगा। इस कक्ष कोरोना वायरस पॉज़िटिव प्रकरणों के संबंध में कान्टेक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। वैसे तो अब तक यह कार्य फीवर क्लीनिक के विशाल परिसर में जानकारी
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ संपादित किया जा रहा था। लेकिन, सुरक्षा बढ़ाने के दृष्टिगत मिलने वाली इस नवीन सुविधा से पृथक-पृथक रूप से संदिग्ध मरीजों के पॉज़िटिव मरीजों की कान्टेक्ट ट्रेसिंग के साथ संदिग्ध मरीजों को परामर्श की उत्तम व्यवस्थाएं भी मिलने लगेंगी।
डाॅ. वारे के अनुसार स्वास्थ्य महकमा हर संभव प्रयास करने में तत्पर है, तीनों जरह की केविड-19 जांच मतलब आरटीपीसीआर टेस्ट, ट्रू-नाॅट परीक्षण एवं रैपिट एन्टीजन जांच के लिए सेटअप सहित जांच दल भी मुस्तैद है।आंशिक रूप से तकनीकी दिक्कतों के चलते यदि कभी परेशानी आ भी जाए तो जांच की प्रक्रिया बाधित नहीं होती, सुचारू रूप से चल रही दूसरी परीक्षण पद्वति से उसे पूरा कर लिया जाता है। आगामी व्यवस्थाओं के साथ अगले दो दिनों के भीतर और भी बेहतर सेवाएं प्रदाय की जाएगी ।
आगामी बदलाव के लिए मौका मुआयना कर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ. आर के परदल ने बताया कि तीन तरह की जांच प्रणाली सेवाओं की उपलब्धता होने से जिले में अब मरीजों कभी भी इंतजार करने की स्थिति नहीं रही। त्वरित जांच प्रणालियां कम समय में शुद्ध परिणाम उपलब्ध करा देती है। उन्होंने कहा कि जिले भर में अब तक ट्रू-नाॅट मशीनरी से कुल 2426 नमूने परखे गए, जिनमें केवल 44 प्रकरण ही ऐसे थे जो धनात्मक रहे। वहीं, 15 मिनट में परिणाम देने वाली एन्टीजन टेस्ट प्रणाली को लेकर विकासखण्ड महासमुंद की बात करें तो सोमवार 31 आगस्त 2020 तक हुए कुल 2556 परीक्षणों में 133 मामलों में ही धनात्मक परिणाम प्राप्त हुए। अब तक के आंकड़ो पर प्रकाश डाल उन्होंने आमजन से अपील की कि जिन्हें सर्दी, खांसी, या बुखार जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, वे निःसकोच जांच कराने के लिए आएं, किसी को भी बैरंग वापस लौटने की स्थिति नहीं मिलेगी, बल्कि हम उन्हें पहले से भी अधिक सुरक्षित माहौल में जांच सेवाएं उपलब्ध कराते रहेंगे।

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