केंद्र सरकार ने FCI को दी छत्तीसगढ़ का चावल खरीदने की अनुमति , सीएम भूपेश बघेल ट्वीट कर दी जानकारी
केंद्र ने नाराजगी के बावजूद आखिरकार 24 लाख टन धान का उठाव करने की अनुमति दे दी है। दरअसल छत्तीसगढ़ समर्थन मूल्य के अलावा राजीव न्याय योजना के तहत अतिरिक्त राशि किसानों को दे रहा है, जिसे केंद्र सरकार बोनस मान रही है। इसे लेकर ही विवाद था, जिस पर मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से चर्चा की। इसके बाद रविवार को केंद्र ने फैसला किया कि एफसीआई अब 24 लाख टन धान का उठाव करेगा। केंद्रीय मंत्री से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था छत्तीसगढ़ सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर ही धान खरीद रही है। साथ ही केन्द्र की किसान सम्मान निधि की तर्ज पर ही छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को पैसा दिया जा रहा है। यह बोनस नहीं है।
केन्द्र सरकार ने रविवार को 24 लाख टन धान का उठाव करने की अनुमति दे दी। विवाद धान पर अतिरिक्त राशि देने को लेकर था। प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक भारत सरकार, राज्य सरकार और एफसीआई के बीच समझौते के मुताबिक कोई भी राज्य एमएसपी से ज्यादा पैसा नहीं दे सकता। इसके अलावा राज्य कुल खरीदी उतनी ही कर सकता है, जितना भारत सरकार ने आबंटित किया है। इधर, राज्य सरकार धान समर्थन मूल्य 1865 रुपए में खरीद रही है। लेकिन इसके अलावा 635 रुपए राजीव न्याय योजना के तहत किसानों को दिए जा रहे हैं। केंद्र का मानना था कि यह राशि बोनस के रूप में है, जबकि राज्य सरकार ने कहा कि यह बोनस नहीं है। यह अलग योजना के तहत किसानों को पैसा दिया जा रहा है। इसी बात को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से चर्चा की थी। केंद्र ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 17 दिसंबर को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के बारे में बताया है कि वे प्रति एकड़ 10 हजार रुपए की दर से धान खरीद सकेंगे। ये एमएसपी से अधिक अप्रत्यक्ष प्रोत्साहन है। एक प्रकार का बोनस है। इसलिए साल 2020-21 के लिए केन्द्रीय पूल के तहत पूर्व में दी गई अनुमति के मुताबिक ही एफसीआई को 24 लाख टन चावल लेगा।
सीएम ने ट्विट कर दी जानकारी
सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार से 24 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की स्वीकृति दे दी है। केन्द्र सरकार को धन्यवाद कि उन्होंने हमारे अनुरोध पर विचार किया। उम्मीद है कि पूर्व में दिए गए आश्वासन के अनुरूप भविष्य में और भी चावल लेने की स्वीकृति दी जाएगी।