लॉकडाउन हटाना कब होगा फायदेमंद, जानें क्या कहती है AIIMS के डॉक्टरों की स्टडी
क्या भारत लॉकडाउन खत्म करने के लिए तैयार है? या Covid-19 केसों के शिखर तक पहुंचने के बाद कुछ हफ्तों तक इंतजार करना चाहिए? क्या लॉकडाउन को बढ़ाने से दूसरी लहर में देरी होगी और भारत को अपने हेल्थकेयर सिस्टम को तैयार करने के लिए और अधिक वक्त मिलेगा? क्या लॉकडाउन खत्म होने के बाद टेस्टिंग बढ़ाने से संक्रमण घटेंगे?
ऐसे और अन्य कई सवालों को iCART ने अपनी स्टडी में छुआ है. यह AIIMS के नेतृत्व में देश के शीर्ष संस्थानों के डॉक्टरों और शोधकर्ताओं की एक सामूहिक कोशिश है. ये उस वक्त पर है जब भारत खुद को लॉकडाउन से ढील के लिए तैयार कर रहा है.
एम्स के डॉक्टरों- गिरिधर गोपाल परमेश्वरन, मोहक गुप्ता, सप्तर्षि सोहम मोहंता और उनकी टीम की ओर से की गई स्टडी में सुझाव दिया गया है कि भारत को अपना शिखर निकलने के बाद कुछ हफ्तों तक इंतज़ार करना चाहिए, जिससे कि लॉकडाउन के असल लाभों का फायदा उठाया जा सके.
स्टडी में कहा गया है, “लॉकडाउन को पूरी तरह हटाए जाने पर, तारीख चाहे कोई भी हो, हमने पाया कि परिवर्तनीय विलंब के बाद सक्रिय केसों की संख्या तेज़ी से बढ़ेगी. हमने ऑब्जर्व किया कि शिखर निकल जाने के बाद लॉकडाउन में ढील दिए जाने में देर करने से वो समय अंतराल बढ़ जाता है जो ढील की तारीख और सक्रिय केसों की नई बढ़ोतरी की तारीख के बीच होता है.”