राजिम 16 फरवरी। धर्म नगरी राजिम के स्थानीय मंगल भवन में वक्ता मंच के तत्वावधान मे राजिम काव्य महोत्सव एवं विभूति अलंकरण समारोह का आयोजन संपन्न हुआ। उपस्थित अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया तत्पश्चात पंडवानी गायिका पूनाबाई बंसोड ने शानदार महाभारत कथा के ऊपर कापालिक शैली में पंडवानी प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया। मौके पर उपस्थित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध उपन्यासकार डॉ. परदेशीराम वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि राजिम साहित्य की नगरी है जहां खुद संत कवि पवन दीवान ने साहित्य को नए आयाम दिए हैं आज भी उनके द्वारा लिखी हुई कृतियां पूरी दुनिया में विख्यात है।
उन्होंने दीवान के साथ अपने बीते हुए समय को याद कर रोमांचित हो गए और कहा कि राजिम सृजन की धरा है। यहां से कई कवि एवं साहित्यकार पैदा हुए हैं। यहां के कवियों की रचनाएं कभी दिल्ली के लाल किला में स्थान पाती है तो देश विदेश में विशेष पहचान बनाती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर ने कहा कि
सौभाग्यशाली लोगों को साहित्यकारों के साथ रहने का अवसर मिलता है ।साहित्य हमेशा समाज को दर्पण दिखाने का काम करता हैं। छत्तीसगढ़ के आदिकवि पंडित सुंदरलाल शर्मा से लेकर वर्तमान में लिख रहे नए रचनाकारों ने हमेशा राजिम का मान बढ़ाया है। यह धर्म नगरी के साथ साथ साहित्यिक नगरी भी है। विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध व्यंग्यकार काशीपुरी कुंदन ने कहा कि कलमकार एवं कलाकारों का सम्मान करना ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है। अपने स्वागत उद्बोधन में वरिष्ठ साहित्यकार तुकाराम कंसारी ने कहा कि कलम की ताकत दुनिया से छिपी नहीं है। संगीत सीखने के लिए साधना की जरूरत होती है ठीक उसी भांति कवि साहित्यकार बनने के लिए आराधना की जरूरत होती है ।
कलम की आराधना जीवन की दशा और दिशा दोनों बदल देती है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ी में लिखने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। जिला लेखन के क्षेत्र में अत्यंत समृद्ध हो रहा है यह अत्यंत गौरव की बात है। इस मौके पर संत कवि पवन दीवान स्मृति साहित्य सम्मान 2022 चौबेबांधा के युवा कवि, साहित्यकार एवं लेखक संतोष कुमार सोनकर मंडल को प्रदान किया गया तथा कोपरा के राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक एवं साहित्यकार डॉ. मुन्नालाल देवदास को माता कौशल्या सेवा सम्मान 2022 से नवाजा गया।
इनके अलावा रायपुर, गरियाबंद, धमतरी एवं महासमुंद जिला से पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता, लोक कलाकार, कवि एवं साहित्यकार, मूर्तिकार व नारी शक्तियां आदि विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि अर्जित करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया जिनमें प्रमुख रूप से तुलाराम साहू, रुक्मिणी साहू, रूपाली अग्रवाल, पायल बाफना, उमेश्वरी साहू, ममता बागे, लीलाराम साहू, वीरेंद्र साहू, थानुराम निषाद, नूतन साहू, लक्ष्मी सिन्हा, मनोज सेन, गौकरण मानिकपुरी, पूना बाई बंसोड, खेमचंद यादव, पलक निषाद, दीक्षा साहू, गुंजेशवरी सोनकर, वाणी सोनकर, सुमन रानी साहू, गोकुल सेन, दिव्यांश कंसारी, माधुरी भट्ट, हेमचंद साहू, जितेंद्र सुकुमार साहिर, दुष्यंत वर्मा, हीरालाल गुरुजी, संतोष व्यास, भागचंद बंजारे, वीरेंद्र साहू, युगल किशोर साहू, खेमचंद साहू, उज्जवल मिश्रा सहित 40 लोग सम्मानित हुए।
इस अवसर पर चेतना युवा मंच के सागर शर्मा, इंद्रजीत आदि को उत्कृष्ट कार्य के लिए पुष्पहार पहनाकर मंच से सम्मानित किया गया। इस आयोजन के मुख्य आकर्षण का केन्द्र अंचल के ख्याति प्राप्त तामा सिवनी निवासी रेत कलाकार हेमचंद साहू द्वारा बनाई गई संत कवि पवन दीवान की रेत की कलाकृति रही । इस अवसर पर प्रमुख रूप से वरिष्ठ साहित्यकार दिनेश चौहान, संजीव दुबे, चेतन भारती व वक्ता मंच के राजेश पराते, शुभम साहू, पूर्णेश डडसेना, दुष्यंत साहू, ज्योति लता सहित काफी संख्या में साहित्यकार एवं बुद्धिजीवी, काव्य रसिक व साहित्य प्रेमी उपस्थित उपस्थित थे।