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सौरभ चंद्राकर को भारत लाना क्या आसान होगा:दुबई में कैसे हुई महादेव सट्‌टा ऐप प्रमोटर की गिरफ्तारी…

महादेव सट्‌टा ऐप प्रमोटर सौरभ चंद्राकर को 6 दिन पहले दुबई में गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद उसके प्रत्यर्पण के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम डोजियर लेकर दिल्ली पहुंच गई है। डोजियर, यानी घटना से जुड़े सभी दस्तावेजों का संकलन। READ ALSO :बहराइच हिंसा: युवक की हत्या के मुख्य आरोपी पुलिस मुठभेड़ में घायल, बहन ने कहा- पुलिस ने कल उठा लिया था…

खास बात यह है कि इन दस्तावेजों को अंग्रेजी के साथ ही अरबी में भी अनुवाद कराया गया है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इन दस्तावेजों का ब्योरा केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को सौंपा है। हालांकि इसके बाद भी सौरभ को भारत लाना आसान नहीं है।

सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी कैसे हुई, कब तक भारत लाया जा सकेगा, इस मामले में आगे क्या होगा? भास्कर एक्सप्लेनर में ऐसे 10 जरूरी सवालों के जवाब जानेंगे उप महाधिवक्ता और ED के विशेष लोक अभियोजक सौरभ पांडेय से… READ ALSO :बकरों की बलि देकर बैगा पी गया खून: छत्तीसगढ़ में 500 साल पुरानी परंपरा; श्रद्धालु बोले- बैगा के शरीर में आतीं हैं देवी

सवाल-1: दुबई में किस तरह अरेस्ट हुआ सौरभ चंद्राकर?

जवाब : महादेव ऐप को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग केस का जो ED ने किया था। उसमें ये पाया था कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल इसके बेसिक प्रमोटर्स हैं। इस मामले में उनको कई बार समन भेजा गया, लेकिन वे यहां आए नहीं।

इसलिए 4 सितंबर 2023 को स्पेशल कोर्ट PMLA रायपुर ने एक नॉन बेलेबल वारंट दोनों के अगेंस्ट इश्यू किया था। इस वारंट के आधार पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया। इस कार्रवाई के चलते सौरभ चंद्राकर दुबई में अरेस्ट हुआ है। READ ALSO :लेडी डॉन ने युवक पर क्यों किया हमला, युवक को मारा ब्लेड…

सवाल-2: अब आगे की प्रक्रिया क्या होगी?

जवाब : प्रत्यर्पण (extradition) से संबंधित दस्तावेजों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत तैयार कर स्पेशल कोर्ट रायपुर ने जारी किया है। सारे दस्तावेज हमने अग्रिम कार्रवाई के लिए हमारे हेड ऑफिस 10 अक्टूबर को भेज दिए थे।अब विदेश मंत्रालय के जरिए कार्रवाई होगी।

प्रत्यर्पण की कार्रवाई के लिए UAE की कोर्ट से सौरभ चंद्राकर को भारत लाने की रिक्वेस्ट की गई है और ये बताया गया है कि उसके खिलाफ एक नॉन बेलेबल वारंट जारी है। कौग्नीजेबल एंड गैर जमानती अपराध भी मनी लॉन्ड्रिंग का रजिस्टर्ड है। प्रक्रिया यह है कि वहां के न्यायालय के मार्फत ही कार्रवाई होनी है। READ ALSO :RAIPUR: 40 किलो गांजा के साथ 4 आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, पुरानी बस्ती में गांजा खपाने वाले थे गांजा…

कोर्ट दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही कोई फैसला देता है। ऐसे में संभव है कि सौरभ चंद्राकर को सुनने का भी मौका दुबई की कोर्ट में दिया जाएगा। इसके बाद कोर्ट ये तय करेगा कि सौरभ को भारत भेजा जाना है या नहीं।

अगर भेजा भी जाना है तो किन शर्तों पर। वो शर्तें भारत और UAE के बीच प्रत्यर्पण संधी के अनुसार होंगी। इस पर विधिक एंगल बचा है और ये एंगल अनुकूल होने के बाद ही हम ये उम्मीद कर सकते हैं कि उसे भारत लाया जा सकेगा।

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