छत्तीसगढ़देशपॉलिटिक्सबड़ी खबर

Chhattisgarh: क्या 18 जून के बाद बृजमोहन अग्रवाल को देना होगा इस्तीफा…

रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का इस्तीफा इस समय सूबे में सबसे अधिक चर्चा का केंद्र बना हुआ है। सियासी हलकों के अलावे आम आदमी को भी इस सियासी घटनाक्रम को लेकर उत्सुकता है कि बृजमोहन अग्रवाल का अगला कदम क्या होगा, उनके सियासी भविष्य का क्या होगा। बृजमोहन अग्रवाल चूकि छत्तीसगढ़ के बड़े जनाधार वाले नेता हैं, इसलिए लोगों की उत्सुकता जायज प्रतीत होती है।

वैसे संविधान के अनुसार उन्हें सांसद चुने जाने के चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन जारी होने के 14 दिन के भीतर किसी एक सदन से इस्तीफा देना होगा। इस निश्चित मियाद में अगर वे इस्तीफा नहीं देंगे तो नियमानुसार नई सदन यानी लोकसभा की सदस्यता उनकी अपने आप खतम हो जाएगी। विधानसभा की सदस्यता उनकी जरूर बरकरार रहेगी। मगर सियासी प्रेक्षकों का कहना है कि बृजमोहन अग्रवाल 18 जून को विधानसभा की सदस्यता छोड़ देंगे।

छत्तीसगढ़ में 17 जून से स्कूल खुलने जा रहे हैं। सूबे में स्कूल खुलने के दिन पूरे प्रदेश में बच्चों को वेलकम करने के लिए शाला उत्सव का आयोजन किया जाता है। यह बड़ा आयोजन होता है। मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री शामिल होते हैं। बाकी स्कूलों में मंत्री, विधायक समेत अन्य जनप्रतिनिधियों को चीफ गेस्ट बनाया जाता है।

इस बार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिला जशपुर में शाला उत्सव आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के भी जशपुर जाने का कार्यक्रम है। समझा जाता है कि शाला उत्सव में बच्चों का वेलकम करने के बाद बृजमोहन विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे।

संविधान के अनुच्छेद 101 के खंड 2 में स्पष्ट उल्लेख है कि भारत के दो सदनों के लिए चुने जाने पर एक सदन से इस्तीफा देना होगा। “समसामयिक सदस्यता प्रतिषेध नियम 1950“ के अनुसार चुने हुए जनप्रतिनिधियों को इस बारे में फैसला लेने के लिए 14 दिन का टाईम दिया गया है (खबर के नीचे में संविधान की कॉपी लगाई गई, उसे देखिए)।

भारत निर्वाचन आयोग ने 4 जून को लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद अगले दिन 5 जून नवनिर्वाचित सांसदों को नोटिफिकेशन जारी किया। याने 5 जून से काउंट किया जाएगा। इस डेट से 14 दिन 18 जून को शाम पांच बजे पूरा होगा। नियम यह कहता है कि 14 दिन के भीतर अगर किसी एक सदन से इस्तीफा नहीं हुआ तो नई सदस्यता अपने आप समाप्त हो जाएगी।

बृजमोहन अग्रवाल इस समय विधानसभा के सदस्य हैं…बकायदा शपथ भी लिया है। वे लोकसभा के लिए चुने गए हैं मगर वहां अभी शपथ नहीं हुआ है। विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देने के केस में नियम स्पष्ट है कि जनप्रतिनिधि नए सदन में जाने के इच्छुक नहीं है। लिहाजा, नई सदस्यता अपने आप समाप्त हो जाती है। याने वे विधानसभा के सदस्य बने रहेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button