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करोड़ों की संपत्ति पर वीरेंद्र तोमर के दावे संदिग्ध, पुलिस पूछताछ में सुना रहा मनगढ़ंत कहानियां…

रायपुर: सूदखोरी के धंधे से रईसी की जिंदगी जीने वाला वीरेंद्र तोमर उर्फ रूबी पूछताछ में लगातार पुलिस को गुमराह कर रहा है। पुलिस ने वीरेंद्र के घर से कोरे स्टांप पेपर और संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए थे। वह अपनी आय का स्त्रोत नहीं बता पा रहा है, लेकिन संपत्ति को वैध बता रहा है। उसने पूछताछ में अब तक किसी भी प्रापर्टी को जबरन कब्जा करने की बात नहीं मानी है। पांच दिन की पुलिस रिमांड के बाद शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। छोटा भाई रोहित तोमर अब भी फरार है। वीरेंद्र की गिरफ्तारी उसके खिलाफ पुरानी बस्ती थाने में दर्ज सूदखोरी, एक्सटार्शन और आर्म्स एक्ट के मामलों में की गई है। जानकारी के अनुसार रोहित सरेंडर करने की योजना बना रहा है।

गिरफ्तार वीरेंद्र तोमर पुलिस को पूछताछ में कोई विशेष जानकारी नहीं दे रहा है। पुलिस जब उससे भाई रोहित के बारे में पूछताछ कर रही है, तो उसने बताया कि पिछले छह माह से दोनों भाइयों में कोई संपर्क नहीं हुआ है। वीरेंद्र पुलिस को यह साबित करने की कोशिश कर रहा है कि उसकी संपत्ति सूदखोरी से नहीं, बल्कि मेहनत की कमाई से अर्जित है और इसके लिए वह मनगढ़ंत कहानियां सुना रहा है। पुलिस पूछताछ में वीरेंद्र ने बताया कि दोनों भाई टिकरपारा थाना क्षेत्र के पुजारी नगर में किराए के मकान में रहते थे। शुरुआत में दोनों ने अंडा ठेला लगाया, फिर किराए का ऑटो चलाया और बाद में अपना ऑटो खरीद लिया। ऑटो चलाने के बाद दोनों ने फल का कारोबार शुरू किया। इसी दौरान कुछ रकम जमा हुई, जिसे उन्होंने खोमचा और ठेला लगाने वालों को ब्याज पर देना शुरू किया जो सूदखोरी में बदल गया।

सूत्रों के मुताबिक, वीरेंद्र तोमर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में था। वह अलग-अलग राजनीतिक दलों के संपर्क में था और करणी सेना की आड़ में धार्मिक आयोजन व सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करता था। राजनीतिक छवि सुधारने के लिए उसने पिछले चार-पांच सालों में सूदखोरी से दूरी बना ली थी। हालांकि, इस काम को उसने अपने भाई रोहित और भतीजे दिव्यांश के जरिये जारी रखा था।

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