छत्तीसगढ़बड़ी खबर

बिना पूर्वानुमति के ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित

गरियाबंद:- ध्वनि प्रदूषण के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय तथा पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अधिसूचित ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम 2000 एवं ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) संशोधित नियम 2010 में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण एवं ध्वनि विस्तारकों के प्रयोग पर नियंत्रण हेतु दिशा निर्देश जारी किए गए है। इसी के परिपालन में कलेक्टर श्री आकाश छिकारा ने कोलाहल अधिनियम 1985 की धारा 4 एवं 5 का प्रयोग करते हुए गरियाबंद जिला की सीमा अंतर्गत बिना लिखित पूर्वानुमति के ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग को प्रतिबंधित किया है।

विशिष्ट परिस्थितियों में किंतु स्थानीय विधि विद्यार्थियों की पढ़ाई, वृद्धाओं, निशक्त, रोगियों आदि की बाधा एवं परित्रास को ध्यान में रखते हुए आम सभाओं एवं जुलूसों तथा धार्मिक आयोजनों के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग की अनुमति दी जा सकेगी। उक्त नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत अनुमति प्रदान किए जाने हेतु संबंधित क्षेत्रों के एसडीएम को प्राधिकृत किया गया है। इसके अंतर्गत अनुविभागीय दंडाधिकारी गरियाबंद, राजिम, छुरा, देवभोग एवं मैनपुर अपने सम्पूर्ण अनुभाग क्षेत्र अंतर्गत ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अनुमति देने के लिए प्राधिकृत है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button