नयी दिल्ली: केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बुधवार को लोकसभा में सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे महिलाओं के आरक्षण से संबंधित ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को सर्वसम्मति से पारित करें।
मेघवाल ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ को सदन में चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए यह भी कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के समय राज्यसभा से पारित हुआ महिला आरक्षण विधेयक 2014 में लोकसभा भंग होने के साथ निष्प्रभावी हो गया था।
मेघवाल का कहना था कि नरेन्द्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद से सामाजिक और आर्थिक समानता को लेकर कई योजनाएं लागू की गईं। विधि मंत्री ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण विधेयक है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में बढ़ता कदम है। दुनिया को दिशा दिखाने वाला विधेयक है।’’ उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से महिलाओं की प्रतिष्ठा बढ़ेगी और अवसर की समानता भी बढ़ेगी।
मेघवाल ने महिला आरक्षण को लेकर अतीत की सरकारों में हुए प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2010 में राज्यसभा में जब विधेयक पारित हुआ था तो भाजपा ने खुले मन से समर्थन किया था।’’ मंत्री के अनुसार, ‘‘जब यह विधेयक लोकसभा में आया तो यह सदन की संपत्ति हो गया था।
इसके बाद तत्कालीन सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए निचले सदन में नहीं लेकर आई। वर्ष 2014 में लोकसभा भंग होने के साथ ही यह विधेयक निष्प्रभावी हो गया।’’ उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि वे ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को सर्वसम्मति से पारित करें।