Tokyo 2020: लवलीना के मुक्के ने भारत के लिए मेडल किया पक्का, सेमीफाइनल में अब तुर्की की मुक्केबाज से होगा सामना

टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics) में भारत ने एक और मेडल पक्का कर लिया है. ये मेडल लवलीना बोर्गोहेन (Lovlina Borgohain) के पंच से पक्का हुआ है. हालांकि, मेडल का रंग क्या होगा ये आगे पता चलेगा. लेकिन, महिलाओं के वेल्टरवेट कैटेगरी के क्वार्टर फाइनल का मुकाबला जीत भारत की लवलीना ने न सिर्फ सेमीफाइनल का टिकट पक्का किया बल्कि इसी के साथ अपने नाम पर मेडल भी कन्फर्म करा लिया. क्वार्टर फाइनल में भारतीय बॉक्सर लवलीना ने चीनी ताइपे की बॉक्सर को हराया. ये टोक्यो ओलिंपिक में भारत का दूसरा मेडल होगा. सेमीफाइनल में लवलीना का मुकाबला अब नंबर वन सीड तुर्की की मुक्केबाज से होगा.
चीनी ताइपे की मुक्केबाज के खिलाफ लवलीना ने अपना पहला राउंड 3-2 से जीता. इसके बाद दूसरे राउंड में पांचों जजों का फैसला लवलीना के फेवर में गया. तीसरे राउंड में चीनी ताइपे की मुक्केबाज ने वापसी की भरपूर कोशिश की पर लवलीना ने अपने बेहतर डिफेंस से चीनी ताइपे बॉक्सर के हमलों को बेकार कर दिया. चीनी ताइपे बॉक्सर के खिलाफ ये लवलीना की चौथी फाइट थी. इससे पहले हुए 3 मुकाबले में वो हर बार चीनी ताइपे के मुक्केबाज के खिलाफ हारीं थीं. लेकिन टोक्यो ओलिंपिक की रिंग में उन्होंने इतिहास का रुख मोड़ दिया.
किक बॉक्सर ने ऐसे थामा मुक्केबाजी का दामन
भारत के लिए ओलिंपिक का मेडल पक्का करने वाली लवलीना ने बॉक्सिंग बाद में चुनीं. पहले वो किक बॉक्सर बनना चाहती थीं. ठीक वैसे ही जैसे उनकी दो बड़ी बहनें थीं. लवलीना की दो बड़ी बहनें लीमा और लीचा किक बॉक्सर हैं. उन्होंने भी इस खेल में हाथ आजमाए, लेकिन बाद में उन्होंने मौके की तलाश में बॉक्सिंग का रूख कर लिया. बरपतहार हाई स्कूल में SAI ने बॉक्सिंग का ट्रायल रखा, जिसमें लवलीना ने हिस्सा लिया. इस ट्रायल में सभी की निगाहें लवलीना पर पड़ीं और उन्हें चुन लिया गया. लवलीना ने साल 2012 से बॉक्सिंग की ट्रेनिंग शुरू की.
पिछले 9 साल की मेहनत का आज परिणाम देखने को मिला, जब लवलीना ने चौथी सीड बॉक्सर को हराकर भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल पक्का किया. अब मेडल का रंग बदलने के लिए उन्हें नंबर एक सीड मुक्केबाज का सामना करना है.