छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बुधवार रात पुलिस वाहन की टक्कर से बाइक में सवार पिता-पुत्री और महिला सहित तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस जवान मारपीट के एक आरोपी को वाहन से लेकर जा रहे थे। तभी भागने की फिराक में आरोपी ने वाहन की स्टेयरिंग घुमा दी, जिसके चलते वाहन बाइक से भिड़ गया। इसमें युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी भाभी और उनके पिता नदी में जा गिरे। गोताखोरों की टीम नदी में गिरे लोगों को ढूंढने रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाती रही। गुरुवार सुबह पिता और बेटी के शव बरामद हो गए।
जानकारी के मुताबिक, पखांजुर के व्यवहार न्यायालय से धारा 151 का आरोपी शंकर पाल को पुलिस की स्कॉर्पियों वाहन में कांकेर जिला मुख्यालय लाया जा रहा था। इसी बीच जब वाहन बड़गांव के पास कोटरी पुल पर पहुंचा था तभी भागने की फिराक में आरोपी ने स्काॅर्पियो की स्टेयरिंग घुमा दी। इसके चलते विपरीत दिशा से आ रही एक बाइक को वाहन ने जोर की टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही बाइक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि महिला और अधेड़ नदी में जा गिरे।
नदी में गिरी महिला और अधेड़ की तलाश में देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा। सुबह दोनों का शव बरामद हो गया है। मृतकों में पित्तेभोड़ीया निवासी सोमजी कड़ियाम (57), उसकी बेटी सुम्मी आंचला (30) और सुम्मी का देवर देवर सामसाय आंचला (28) शामिल है। तीनों एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होकर घमरे से लौट रहे थे। बताया जा रहा है कि नदी में करीब 15 फीट से अधिक पानी है। हादसे में वाहन सवार 2 जवान और आरोपी को भी चोट आई हैं। उन्हें बड़गांव के अस्पताल लाया गया है। जहां उनका उपचार चल रहा है।
अस्पताल के बाहर लगी रही लोगों की भीड़
इधर, जब परिजन और आस-पास के गांव के लोगों को इस हादसे के बारे में जानकारी मिली तो वे सीधे बड़गांव अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने अस्पताल का घेराव कर जमकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में जवानों को भी मौके में तैनात किया गया।
मजदूर को मारने के लिए दौड़ाया था
पुलिस जिस आरोपी शंकर पाल को लेकर जा रही थी उस पर एक मजदूर पर हमला करने के प्रयास कर आरोप है। बड़गांव निवासी शंकर पाल ने सड़क निर्माण में घटिया निर्माण का आरोप लगा लड़ाई किया। मजदूर को बेलचा उठा कर मारने के लिए दौड़ाया था। बड़गांव थाना में उसके खिलाफ धारा 151के तहत मामला दर्ज किया गया। उसे कल पखांजूर कोर्ट में पेश किया गया। जमानत नहीं मिलने पर जवान उसे जेल ले जा रहे थे।