
छत्तीसगढ़ की बात करें तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 3,48,771 बोरवेल है जबकि पंचायत, नगरी निकाय या कृषि विभाग की तरफ से भी जो बोरवेल कराए जाते हैं वे अलग है। इन सभी की बात करें तो कुल 10,00000 से भी ज्यादा बोरवेल छत्तीसगढ़ में है ।हालांकि पीएचई विभाग का दावा है कि उनकी तरफ से कहीं भी बोरवेल खुले नहीं छोड़े जाते हैं.(feasting on accidents)
जांजगीर चांपा की घटना के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने भी प्रदेश के सभी खुले बोरवेलो को बंद करने के कड़े निर्देश दिए हैं। और समय-समय पर पूर्व हेलो की समीक्षा करने के भी आदेश दिए हैं। प्राइवेट नलकूप लगाने वालों का कहना है कि प्रदेश में 1000000 से अधिक बोरवेल है ग्रामीण इलाकों में किसान अपने खेतों में बोरवेल करवाते हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
गर्मी के मौसम में यह संख्या और भी बढ़ जाती है और जहां पानी नहीं निकल पाता है वहां मलबा डालकर उसे समतल कर दिया जाता है। आपको बता दें कि अपर मुख्य सचिव के निर्देश के बाद रायपुर जिले में कलेक्टर सौरभ कुमार ने सभी नगरीय निकाय और ग्रामीण क्षेत्रों में खुले और अनुपयोगी बोरवेल को तत्काल बंद करने के निर्देश दिए इसके बाद आरंग और अभनपुर इलाके में अधिकारियों ने 6 दर्जन नलकूपों की जांच की जिसमें करीब एक दर्जन नलकूप खुले मिले.
उन्हें तत्काल बंद करवाया गया बोरवेल में मिट्टी और गिट्टी डालकर इन बोरवेलो को बंद कराया गया। कोरबा कलेक्टर रानी साहू ने भी शहरी और ग्रामीण इलाकों में खुले हुए और अनुपयोगी पूर्व इस को तत्काल बंद करने के निर्देश दिए हैं.
समीक्षा बैठक में कलेक्टर साहू ने खुले हुए पूर्व वेल्स के कारण किसी अनहोनी या दुर्घटना होने की संभावना को रोकने के लिए यह कदम उठाया है जिले में गांववार सर्वे कर खुले बोरवेलस का पता लगाने और उन्हें बंद करने के निर्देश सभी निर्माण एजेंसियों लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिए.
आपको बता दें कि रायपुर मैं करीब 10913 बोरवेल, दुर्ग में 5547 राजनांदगांव में 24729, बिलासपुर में 12325, बलौदा बाजार में 9191 महासमुंद में 144 96 जांजगीर-चांपा में 8395 सरगुजा में 12873 बोरवेल ओं की संख्या है.(feasting on accidents)