छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा के बोरवेल में गिरे 10 साल के राहुल को बचाने के लिए खोदे गए गड्ढे और टनल को बंद करने का काम सोमवार को शुरू हो गया है। JCB की मदद से गड्ढे में मिट्टी डाल कर पाटने का काम चल रहा है। खास बात यह है कि राहुल भी वहां कुर्सी पर बैठकर इस गड्ढे को पाटते हुए देख रहा है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘भूलन द मेज’ की टीम राहुल वाले गड्ढे पर डॉक्यूमेंट्री बनाने की तैयारी में है। टीम के लोग इसके लिए मौके पर निरीक्षण करने भी गए थे.(child sitting in front watching the view)
दो दिन पहले ही राहुल को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था।
मालखरौद ब्लॉक के पिहरीद गांव निवासी राहुल साहू उसके घर के पीछे खुले हुए 60 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन 105 घंटे तक चलाकर राहुल को बचाया गया। गड्ढा करीब 65 से 70 फीट गहरा और इतना ही चौड़ा है। ग्रामीणों ने अनहोनी के डर से कलेक्टर को पत्र लिखकर गड्ढा पाटने की बात कही थी। इसे लेकर दैनिक भास्कर ने खबर भी प्रकाशित की थी। इसके बाद कलेक्टर ने डॉक्यूमेंट्री बनाने की बात कहते हुए और गड्ढे की बैरिकेडिंग करा दी थी.
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ग्रामीण बोले- फिल्म डायरेक्टर अपनी टीम के साथ पहुंचे थे
हालांकि अब इस गड्ढे को पाटने का काम किया जा रहा है। सोमवार को प्रशासन की टीम JCB, हाइवा के साथ ही मजदूरों को लेकर भी गांव पहुंची। इसके बाद गड्ढे को पाटने का काम शुरू किया गया। इस दौरान राहुल भी वहां बैठकर पूरा नजारा देखता हा। वहीं बताया जा रहा है कि ‘भूलन द मेज’ के डायरेक्टर मनोज वर्मा और उनकी टीम इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन पर डॉक्यमेंट्री बनाने की तैयारी में है। इसे लेकर मौका मुआयना भी किया है। हालांकि प्रशासन की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है.
गड्ढा पाटने के दौरान भी लोग सेल्फी लेते रहे।
दो दिन पहले ही राहुल अस्पताल से डिस्चार्ज होकर पहुंचा है घर
राहुल अब पूरी तरह से ठीक हो चुका है। उसे 10 दिन बाद दो दिन पहले शनिवार को ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। अस्पताल की तरफ से उसे गिफ्ट भी दिया गया। जांजगीर कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल उसे लेने के लिए बिलासपुर पहुंचे थे। इस दौरान बिलासपुर प्रशासन और स्थानीय नेता भी मौजूद थे। प्रशासन की तरफ से भी राहुल को गिफ्ट दिया गया। वहीं गांव पहुंचने पर उसकी नानी और परिजनों ने आरती उतारकर स्वागत किया। घर में भजन-कीर्तन भी किया गया था.
कुछ दिन पहले प्रशासन ने बैरिकेडिंग कराकर गड्ढे को बंद कराया था.
10 जून को बोरवेल में गिरा था राहुल
राहुल साहू (10) 10 जून की दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चल रहा था। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 60 फीट गहरा था। राहुल मूक-बधिर है। मानसिक रूप से काफी कमजोर है, जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था.
घर पहुंचने पर राहुल की नानी और उसके परिजनों ने आरती उताकर उसका स्वागत किया था
चलाया गया था देश का सबसे बड़ा बोरवेल रेस्क्यू ऑपरेशन
यह एक बच्चे को बचाने के लिए देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन लॉन्च किया गया था। 103 घंटे से भी ज्यादा चले इस ऑपरेशन में 4 IAS, 2 IPS, NDRF और सेना के जवान सहित 500 अफसर-कर्मचारी शामिल रहे। इन सबका बस एक ही मकसद था…सेव राहुल यानी 10 साल के बच्चे राहुल को बचाना है। इससे पहले देश में किसी बच्चे के लिए इतना लंबे समय और संसाधन के साथ कोई रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं हुआ। यह ऑपरेशन 5 दिन तक चला था। इसके बाद राहुल को सुरक्षित बचा लिया गया.(child sitting in front watching the view)