रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री भारत रत्न पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन 14 नवंबर बाल दिवस पर सभी बच्चों सहित प्रदेशवासियों को बधाई दी है। बाल दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने बधाई संदेश में उन्होंने कहा है कि पंडित नेहरू को बच्चे बहुत प्रिय थे। बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहते थे। इसी स्नेह और प्रेम के कारण पंडित नेहरू का जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
देश के भावी निर्माता होते हैं बच्चे
सीएम बघेल ने कहा कि बच्चे देश के भावी निर्माता होते हैं। एक मजबूत पीढ़ी के निर्माण के लिए जरूरी है कि हम बच्चों के शारीरिक, मानसिक, शैक्षिक विकास के साथ नैतिक विकास के बारे में भी सोचें, अपनी संस्कृति और सभ्यता से उनका परिचय कराएं। बाल दिवस बच्चों के पोषण, शिक्षा, विकास और चरित्र निर्माण के लिए सोच-विचार करने और आवश्यक कदम उठाने का दिन है।(Chief Minister of Chhattisgarh)
पंडित नेहरू के पदचिन्हों पर चलते हुए सरकार ने लिए है कई निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पंडित नेहरू के पदचिन्हों पर चलते हुए कई निर्णय लिए हैं। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू किए गए हैं। इसी तर्ज पर हिन्दी मीडियम स्कूल भी शुरू किये जा रहे हैं। बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना शुरू की गई है। इससे लगभग दो लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए हैं।
आंगनबाड़ियों में शुरू हुई प्रारंभिक औपचारिक शिक्षा की व्यवस्था
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ियों में बच्चों की प्रारंभिक औपचारिक शिक्षा की व्यवस्था शुरू की गई है। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण से माता-पिता को खोने वाले बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के लिए महतारी दुलार योजना शुरू की गई है। दूसरी संतान बालिका होने पर उसके पालन-पोषण के लिए राज्य सरकार द्वारा कौशल्या मातृत्व योजना शुरू की गई है। सीएम बघेल ने कहा है कि बच्चों का भविष्य सुंदर बनाना हम सब की जिम्मेदारी है।(Chief Minister of Chhattisgarh)