रायपुर: आम आदमी को इन दिनों महंगाई की चौतरफा मार झेलनी पड़ रही है। राजधानी में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 1021 रुपए पहुंच गई है। दूसरी तरफ सब्सिडी भी नहीं आ रही है। खातों में 61.24 रुपए भी आना बंद हो रहा है। यानी अब सब्सिडी में कुल कीमत का 6 फीसदी भी लोगों को समय पर नहीं मिल रही है। गैस एजेंसी संचालकों का कहना है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर जल्द ही यह रकम अधिकृत रूप से लोगों के खातों में जाना बंद हो जाएगी।
सिलेंडरों की डिलिवरी होने के 48 घंटे के भीतर सब्सिडी खातों में जमा होने का दावा किया जाता था, लेकिन यह रकम अब हफ्तों बाद भी जमा नहीं हो रही है। इस वजह से लोग भी बेपरवाह हो गए हैं। पहले इसकी शिकायत भी की जाती थी, लेकिन अब पिछले कई महीनों से सब्सिडी नहीं मिलने की एक भी शिकायत नहीं की गई है।
जिन लोगों की सब्सिडी खातों में नहीं जा रही है, उस रकम का क्या हो रहा है इसे लेकर एलपीजी कंपनियों के अधिकारी कोई जवाब नहीं देते। उनका दावा है जितने लोगों ने बैंक खातों से पैन और आधार नंबर लिंक कराया है, उन सभी की सब्सिडी उनके खातों में जमा की जा रही है।
कमर्शियल दो हजार के पार, चाय-नाश्ता भी महंगा
अप्रैल के पहले दिन से राजधानी में कमर्शियल सिलेंडर 250 रुपए महंगा हो गया है। मार्च में इसकी कीमत 1785 रुपए थी जो अब 2035 रुपए से ज्यादा में मिल रहा है। कमर्शियल सिलेंडर महंगा होने की वजह से ठेलों और छोटे होटलों में चाय-नाश्ते की कीमत बढ़ गई है।
अधिकतर जगहों पर नाश्ता 25 से 30 रुपए प्लेट कर दिया गया है। चाय की कीमत 8 से 12 रुपए तक हो गई है। होटल और रेस्टोरेंट में भी सभी फूड आइटम 10 से 15 फीसदी महंगे हो गए हैं। आमतौर पर पांच सदस्यों के एक परिवार को होटल में खाना खाने के बाद 250 से 350 रुपए तक ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है। बेकरी प्रोडक्ट की कीमत भी 10 से 50 रुपए तक बढ़ा दी गई है।