
आरंग: मंदिरों की नगरी के नाम से प्रख्यात नगर आरंग को एक नई पहचान मिलने वाली है। सड़क-पानी-नाली-बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से आरंग की रंगत बदल गई है। अब जल्द ही यहां के मंदिर-देवालयों का समुचित संधारण व्यवस्था की जाएगी। मंदिरों के जीर्णोद्धार और रंगरोगन से प्राचीन नगरी आरंग को भव्यता प्रदान करने की दिशा में प्रयास होगा। नगरीय प्रशासन विकास विभाग और श्रम मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया ने आरंग में पीपला वेलफेयर फाउंडेशन के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में यह ऐलान किया। उन्होंने सरकार के सहयोग से जनास्था के केंद्रों को संरक्षित करने पर जोर देते हुए कहा कि ऐतिहासिक बागेश्वरनाथ महादेव मंदिर को भव्यता प्रदान करने के साथ ही सभी देवालयों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। यह उनकी प्राथमिकता में है।
पीपला वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा कला-संस्कृति व कलाकारों को प्रोत्साहित करने के ध्येय से रविवार को राजा मोरध्वज कला सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया द्वारा पीपला फाउंडेशन ने सैकड़ों कलाकारों को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। समारोह में आरंग के अलावा महासमुन्द, रायपुर के कलाकारों की खासा उपस्थिति रही। सम्मान समारोह में बांस गीत, नाचा,चंदैनी जैसे विलुप्त होने लगी विधाओं को संरक्षित करने संगोष्ठी हुई। सुआ नृत्य, देशभक्ति व लोक गीत, छत्तीसगढ़ी गजल, ठुमरी व कवियों की कविताओं ने समारोह में शमा बांधा।
इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय रचना व संगीतकार कृष्ण कुमार पाटिल ने संगीत की विधाओं पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। वहीं पदमश्री भारती बंधुओं ने पीपला फाउंडेशन के आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति को संरक्षित करने अच्छा प्रयास किया जा रहा है। इसे बचाए रखने बंबईया व बिहार की तड़का को बिल्कुल भी शामिल न करें। आवश्यक हो गुरुओ से मार्गदर्शन लें। वही लोकगायक डॉक्टर पुरूषोत्तम चंद्राकर, टीकम पटेल, विश्राम यादव व गीतकार धनराज साहू ने संस्कृति विभाग के कार्यालय को नया रायपुर से पुनः पुराना रायपुर में स्थापित करने की मांग रखी।साथ ही कलाकारों को उचित पारितोषिक व पेंशन देने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि संस्कृति को बचाए रखना है तो कलाकारों को संरक्षण देना अति आवश्यक है। सरकार को जिला स्तर पर कलाकारों का प्रशिक्षण आयोजित करना चाहिए।
मुख्य अतिथि, मंत्री डॉ डहरिया ने पीपला फाउंडेशन की उन्मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि जन सरोकार को लेकर पीपला फाउंडेशन जिस ढंग से निःस्वार्थ भाव से काम कर रही है, वह सभी के लिए अनुकरणीय है। सभी वर्गों का सहयोग मिलना चाहिए।कार्यक्रम में करीब चार घंटे तक साथ रहकर मंत्री डहरिया ने कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। अतिथि कलाकारों का उन्होंने स्वागत अभिनन्दन स्वयं किया। साथ ही बुजुर्ग कलाकारों से सहृदयता से मिलकर उनके बातों को ध्यान से सुनते रहे। इस मौके पर मंत्री डहरिया ने कहा मंदिरों की नगरी आरंग के देवालयों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। सबसे पहले बाबा बागेश्वरनाथ की जीर्णोद्धार से इसकी शुरुआत होगी।
इससे पहले उन्होंने आरंग-महासमुंद-रायपुर तिगड्डे पर पीपला चौंक में पीपल का पौधा लगाकर हरियाली का संदेश दिया। साथ ही पीपला फाउंडेशन की मांग पर इस चौंक में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित कर सौंदर्यीकरण कराने की घोषणा की। सम्मान समारोह में छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कवि मीर अली मीर, लोक कलाकार सुरेंद्र मानिकपुरी, लोकगायक डॉ पुरुषोत्तम चन्द्राकर, गौतम चौबे, विश्राम यादव,टीकम पटेल, गंगा साहू गोविंदा साहू, डिमान सेन, गीतकार धनराज साहू की प्रस्तुतियां से शमां बंधा। वहीं नाचा गम्मत के कलाकारों की प्रस्तुति सबके लिए आकर्षण का केन्द्र रहा। सभी अतिथियों को को पीपला फाउंडेशन ने आरंग के नामकरण पर केंद्रित ‘प्रतीक चिन्ह’ भेंटकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर नपाध्यक्ष चंद्रशेखर चन्द्राकर, जनपद अध्यक्ष खिलेश देवांगन, देवनाथ साहू,अनिता थानसिंह साहू, केशरी मोहन साहू,के के चंद्राकर, हेमलता डुमेंद्र साहू, नरसिंग साहू, श्रीमती भारती देवांगन, श्रीमती मंजू चंद्राकर एल्डरमैन मंगलमूर्ति अग्रवाल, उपेंद्र साहू,भरत लोधी, राजेश्वरी साहू,पत्रकार संघ अध्यक्ष पवन साहू व पत्रकार रामकुमार गुप्ता, नमन् साहू, नंदकुमार ढीढी की विशेष उपस्थिति रही। कार्यक्रम के आयोजन-संयोजन में संरक्षक आनंदराम पत्रकारश्री, अध्यक्ष दूजेराम धीवर, संयोजक महेन्द्र पटेल, भुनेश्वर साहू, कोमल लाखोटी, मोहन सोनकर, छत्रधारी सोनकर, संजय मेश्राम, रमेश देवांगन,अशोक साहू, भागवत जलक्षत्री, बसंत साहू, होरीलाल पटेल,नीरज साहू, प्रतीक टोंड्रे, संतोष साहू, आशीष साहू,राकेश जलक्षत्री,डुमेन्द्र साहू, रोशन चंद्राकर, रमेश चंद्राकर,राजू साहू, अभिमन्यु साहू, तेजराम यादव, हेमंत कंसारी,देव जलक्षत्री, राहुल पटेल की अहम भूमिका रही।