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CG NEWS: दुकान संचालक हड़ताल पर, हितग्राहियों को नहीं मिल सका राशन

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के राशन दुकान संचालक संघ ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर नया बस स्टैंड में तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस कारण सभी राशन दुकानें बंद रही और हितग्राहियों को राशन नहीं मिला। (always remains in the shop)

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राशन दुकान संचालकों के मुताबिक छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालक विक्रेताओं को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विक्रेताओं और हितग्राहियों के बीच सर्वर एवं कांटा कनेक्टिविटी के कारण विवाद की स्थिति है। राशन दुकान संचालक दिनेश कुमार, मानसिंह, भोलेश्वर प्रसाद, विजय कुमार ठाकुर, लोकेंद्र साहू, सीता सिन्हा, नीतू साहू, माधुरी बघेल ने बताया कि नवम्बर में बिना पूर्व सूचना और भौतिक सत्यापन के बिना छत्तीसगढ़ की सभी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न कटौती की गई।

2016-17 में वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने टेबलेट से वितरण व्यवस्था लागू की गई व बिना ट्रेनिंग दिए वितरण व्यवस्था को लागू किया गया। टेबलेट से वितरण व्यवस्था में तकनीकी समस्यों का सामना करते हुए सर्वर की समस्या होने पर ऑफलाइन वितरण कराया गया, क्योंकि नेट के अभाव में अपलोड नहीं हुआ। फरवरी 2022 के पूर्व शेष रकम को शून्य किया जाए। जबसे इपॉस चालू हुआ है, स्टॉक को किश्तों में समायोजन की व्यवस्था कराई जाए।

संचालक बोले-दुकान में हमेशा बनी रहती है सर्वर की समस्या
राशन दुकान संचालकों ने बताया कि सर्वर पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता, तब तक काटा कनेक्टिविटी बंद हो। शासन के इलेक्ट्रॉनिक काटा का इपॉस से कनेक्टिविटी करने से हितग्राहियों विक्रेताओं के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। प्रदेश के कुछ जिलों में लगातार समस्या आ रही है। एक राशनकार्ड में 4 बार एंट्री तौल करने पर 15 से 20 मिनट का समय लग रहा है। कहीं सर्वर खराब हो गया तो 30 से 40 मिनट का समय लग जाता है। वर्तमान में 2 माह से सर्वर की समस्या है। वितरण व्यवस्था चरमरा गई है। इसलिए काटा कनेक्टिविटी को बंद किया जाए। एक बार खाद्यान्न सामग्रियों की इपॉस में पुष्टि की व्यवस्था किए जाए।

मानदेय व्यवस्था करें लागू
शासन विक्रेताओं से जिस तरह काम करा रहा है, उसी तरह कर्मचारी मानकर उन्हें मानदेय दिया जाए। इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में विक्रेताओं को सम्मानजनक मानदेय (30 हजार) दिया जाए। अन्य राज्यों की तरह कमीशन की राशि में वृद्धि करते हुए 300 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की जाए। मार्जिन कमीशन की राशि वित्तीय पोषण की राशि और वर्ष 2018, 2019, 2020 की बारदाना की राशि अप्राप्त है, जिसे जल्द प्रदान किया जाए।

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कमीशन की राशि सीधे विक्रेता संचालक के खाते में डालें
महेंद्र कुमार, पुराणिक देशमुख, बालमुकुंद साहू, श्रवण कुमार, गजानंद जोशी, राजू वर्मा, ओंकार प्रसाद ठाकुर ने बताया कि शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेताओं के बैंक खाते में सभी प्रकार की कमीशन की राशि को सीधा खाते में प्रदाय किया जाए। खाद्य नागरिक अपूर्ति निगम या अनुसंस्था विभाग के माध्यम से देने पर 4-से 6 माह का समय लग जाता है। आज तक प्रदेश में पूरी राशि नहीं मिल पाई है। नागरिक अपूर्ति निगम ने शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न भंडारण किया जाता है। जिसमें 3 प्रतिशत अतिरिक्त सूखत के रूप में प्रति क्विंटल के हिसाब से भंडारण किया जाए, जिससे शार्टेज में कमी को पूरा किया जा सके। (always remains in the shop)

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