
एक तरफ सरकार शहरों को स्वच्छ कर रही है कि सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखो और सुरक्षा संसाधन उपलब्ध करवाओ। वहीं दूसरी तरफ बारसूर नगर पंचायत में सफाई कर्मचारियाें काे मास्क और ग्लब्ज तक उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे हैं। बिना मास्क के कर्मचारी सड़काें व नालियाें की सफाई कर रहे हैं। कई कर्मचारी ताे खुद गमछा व मास्क खरीदकर ला रहे हैं। नगर पंचायत शहर स्वच्छ व सुंदर तथा कचरा से बचाने के लिए जागरूकता रैलियां निकाल रहा है, इससे पहले कोरोना काल में लगातार पूरे शहर में साेडियम हाइपाेक्लाेराइड का छिड़काव करवाकर सेनेटाइज किया। लेकिन अब नगर पंचायत अपने ही कर्मचारियाें की सुध नहीं ले रहा है।

नगर पंचायत ने सितंबर-अक्टूबर माह में कई हजार बाेतल सेनेटाइजर की मंगवाई थी। वाे खत्म हुए लंबा समय हाे गया। उसके बाद दुबारा से कोई भी कर्मचारी या पार्षद जो है सफाई कर्मचारियों को हैंड ग्लब्ज नहीं दिखाई।

ग्लब्ज ताे नगर पंचायत बारसूर द्वारा एक बार गिने-चुने कर्मचारियाें काे ही उपलब्ध करवाए। उसके बाद ग्लब्ज दिए ही नहीं गए। बारसूर निगम के सफाई कर्मचारी या ताे अपने पैसाें से मास्क खरीद कर काम कर रहे हैं। महिला कर्मचारी साड़ी से ही मुंह ढक कर काम कर रही हैं। ग्लब्ज नहीं हाेने के कारण वे बिना ग्लब्ज के ही काम कर रहे हैं।