बलौदाबाजार संडी परिक्षेत्र मे धड़ल्ले से चल रहा जुआ सट्टा के साथ अवैध शराब की (तस्करी) बिक्री, जनता पुछ रहा आखिर जिम्मेदार कौन……

बलौदाबाजार… धनेश आडिल :- मुख्यमंत्री ने आमजन की समस्याओं की निराकरण के लिए ठोस कदम उठाते हुए पुलिस प्रशासन व शासन को निर्देश किया गया है कि नशे के करोबार पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दिया और जनमानस की समस्याओं की तत्काल निराकरण करने की हिदायत दिए। इसका असर कहीं पर सख्ती के साथ कार्रवाई देखने को मिला तो कहीं पर मुख्यमंत्री के आदेश को झोले मे लटकाए देखने को मिल रहा है। जिले के पलारी थाना अंतर्गत उप तहसील संडी-जारा मे जुआ सट्टा और शराब धड़ल्ले से चल रहा है। पुलिस अधीक्षक आई के ऐलेसेला व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पिताम्बर पटेल के निर्देशानुसार संबंधित अनुविभागीय पुलिस अधिकारीयों ने जनदर्शन लगाकर आवेदक, फरियादीयों की शिकायतें सुन रहा है और त्वरित करवाई हेतु संबंधित थाना प्रभारियों को निर्देशित भी किया जा रहा है। जन चौपाल कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न अपराधों की जानकारी संबंधित व अपराध करने से कैसे बचे, किसी प्रकार के जालसाजी में नहीं फंसने के गुर सिखाए और नशे से दूर रहने लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
जिले के पलारी थाना अंतर्गत संडी परिक्षेत्र में जुआ सट्टा और अवैध शराब की बिक्री बेखौफ से फलफूल रहा है जिसका असर छोटे छोटे बच्चों पर प्रभावित हो रहा है। इस हाल मे न महिलाएं और बच्चे सुरक्षित होते है और न सामाज। हाल ही में कुछ दिन पहले बाल सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम चलाया गया था जिसमें स्कूली बच्चों को पुलिस थाना का भ्रमण कराकर थाने की सम्पूर्ण और महत्वपूर्ण कार्यप्रणाली के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया गया था।मुख्यमंत्री ने पुलिस के आलाधिकारीयों को नशे के कारोबार करने वालों पर सख्त कदम उठाने के कड़ा निर्देश दिया गया है किंतु मुख्य रूप से संडी जारा में (जुआ) व आस पास के गांवों मे बेअसर देखने को मिल रहा है सुत्रों से जानकारी के अनुसार क्षेत्र में शराब की खपत खरोरा व हिरमी, पलारी शराब दुकान से आते है जिसका फुटेज RJ NEWS संवाददाता के पास है। और कभी भी किसी समय मंदिरा प्रेमियों को (जामरस) शराब मिल जाता है व संडी मे प्रत्येक क्षण सट्टा का लिखा पढ़ी होता है और आस पास से लेकर दुर तक खेलने आते है। जुआ सट्टा और शराब की लत पड़ने से हमेशा अपराधिक दिशा में धकेलता है अगर यह लत बच्चों पर हावी होते जा रहे है तो ‘बच्चों को आने वाली भविष्य में’ तो भला सामाज की कल्पना नहीं किया जा सकता।