
सूरजपुर: एक और जहां सरकार अपनी कार्यों को लेकर अपनी पीठ थपथपाते नहीं थकती वही दुसरी और धरातल पर कुछ और ही सच्चाई नजर आती है, जी हां हम बात कर रहे है, सूरजपुर विकासखण्ड के हरिपुर ग्राम पंचायत की। जहा पंचायत के विभिन्न कायो॔ के क्रियान्यवन हेतु पंचायत का भवन ही नहीं है, पंचायत भवन विगत 5 वर्षों से शाला भवन के अतिरिक्त कक्ष में संचालित हो रही है।
एक और सरकार जहां पंचायती राज की व्यवस्था को लेकर बडी-बडी बड़ी करती है तो वही शासन-प्रशासन में बैठे कुछ नुमांईदे शासन की कार्यप्रणाली पर पलीता लगाते नजर आते है। ग्राम पंचायत हरिपुर के ग्रामीणों ने बताया की पिछले पाँच वर्षों से पंचायत भवन अत्यन्त जर्जर हालत में है, जिसकी मौखिक शिकायत हम सभी ग्राम-वासी कई बार नेताओं व अफसरो से कर चुके है किन्तु आज तक किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया और न ही किसी ने पंचायत भवन के निर्माण हेतु कोई पहल की जिसका नतीजा यह है।
ग्रामीण आज भी अपने नवीन पंचायत भवन के निर्माण के लिए टकटकी लगाये हुए है, ग्रामीणों ने बताया की वर्तमान में जहां शाला भवन के अतिरिक्त कक्ष में पंचायत भवन संचालित है, वहां किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है, तो वही स्कूल के दिनों में पंचायती कार्यों की वजह से बच्चो की पढाई पर भी इसका असर होता है, पंचायत भवन न होने से ग्रामीणों के बढने की समस्या है। अब देखने वाली बात यह है की आखिर शासन प्रशासन कब इसकी सुध लेता है और कब तक हरिपुर के ग्रामीणों को अपना नवीन पंचायत भवन नसीब होता है।
पंचायत भवन – बहुउद्देशीय पंचायत भवनों का निर्माण
ग्राम पंचायतों के कार्यालयों, उनकी बैठकों के आयोजन तथा ग्राम स्तर पर पंचायत सचिव की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उनके आवास की व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए पंचायत भवनों का निर्माण कराया जाता है।