बच्चों के पोषण के साथ खिलवाड़, स्कूलों में इस तरह से दिया जा रहा मध्यान भोजन

बलरामपुर। Children’s Nutrition: जिले के सरकारी स्कूल में छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी मध्यान भोजन योजना का बुरा हाल है लोगों बच्चों को भोजन मिल तो रहा है लेकिन ना तो उनमें दाल है और ना ही सब्जी। बच्चे सूखा चावल खा रहे हैं वही अधिकारी क्वांटिटी कम होने का हवाला दे रहे हैं।
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Children’s Nutrition: बच्चों की संख्या स्कूल में ज्यादा हो और पढ़ने में उनकी रुचि बनी रहे इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना की शुरुआत की थी। प्रत्येक बच्चे के हिसाब से राशन तभी किया गया था, ताकि बच्चे कम से कम दोपहर में स्कूल में ही भोजन कर सकें। बलरामपुर जिले में यह योजना संचालित तो जरूर है लेकिन सिर्फ खानापूर्ति ही की जा रही हैं।
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Children’s Nutrition: IBC की टीम ने जब स्कूलों का रियलिटी चेक किया, तो पता चला कि दोपहर में मध्यान भोजन बनाने का जिम्मा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को है वह खाना बना तो रही है, लेकिन बच्चों को न तो पर्याप्त दाल मिल रहा है और ना ही सब्जी। इस मामले में स्कूल में पदस्थ शिक्षकों ने कहा कि बच्चों को मध्यान्ह भोजन में दी जाने वाली जो राशन की क्वांटिटी है वह बेहद कम है। प्रत्येक बच्चे को 20 ग्राम दाल व 50 ग्राम कच्चा सब्जी दिया जाता है, जो पकने के बाद आधा हो जाता है। ऐसे में यह काफी कम है और उसी कारण बच्चों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा है।
Children’s Nutrition: इस पूरे मामले में विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार स्कूलों में मध्यान्ह भोजन का संचालन किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा क्योंकि यह योजना शमशाद समूह के माध्यम से संचालित है, इसलिए भी थोड़ी दिक्कत है। इसके अलावा बच्चों को पर्याप्त भोजन नहीं मिलने का सबसे प्रमुख कारण क्वांटिटी की कमी है। बच्चों को दी जाने वाली मध्यान भोजन के रियलिटी चेक में आइबीसी 24 की टीम ने पाया कि स्कूलों में मध्यान्ह भोजन संचालित तो जरूर है लेकिन बच्चे या तो सूखा चावल खा रहे हैं या फिर कम दाल और सब्जी में ही अपना पेट भर रहे हैं।