हनुमान जी के पद चिन्ह और सुरंग का अलौकिक दृश्य ग्राम पवनी में, पढ़िए स्टोरी खबर…..

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन्ह जानकी माता।”
”चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥”
सोनु साहू / रेणुका दिवान :- हनुमान जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर ग्राम पवनी में बजरंग सेवा समिति की ओर से शोभायात्रा का आयोजन किया गया। बलौदाबाजार जिले के पवनी बिलाईगढ़ में 200 साल से यह बजरंगबली का मंदिर विख्यात है।
मंदिर प्रांगण में गांव के वरिष्ठ बुजुर्गों ने बताया कि जब ग्राम पवनी में सैकडों साल प्लेग की बिमारी हुई थी तब ग्राम वासियों ने भगवान का आवाहन किया। और हनुमान जी यहाँ आकर प्रकट हुये।जिसका प्रमाण यह अब भी मौजूद है।
भगवान पवनपुत्र का दोनों पैर का निशान बैठे हुये मुद्रा में ग्राम पंचायत पवनी के बिलाईगढ़ रोड़ में तलाब गौरा डबरी के किनारे बने मंदिर में साक्ष्य है जहाँ हनुमान जी का पैर के पंजे का निशान, एक पैर का घुटने का निशान पत्थर में मौजूद हैं। इस शिला को देख मानो ऐसा प्रतीत होता है जैसे हनुमान जी अपने हाथो में गदा पकड़े हुए मुद्रा में बैठे हैं। इस सुंदर शीला के ऊपर बनी हनुमान जी की अद्भुत पद चिन्ह को देखने के लिये सड़क से गुजरते यात्री भगवान का आशीर्वाद लेकर अपने मार्ग में आगे बढ़ते है।साथ ही गांव से बाहर के श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर हनुमान जी के दर्शन करने के लिये यहाँ पहुँचते हैं। गांव के बुजुर्गों के अनुसार श्रद्धालुओं की मन्नत हनुमान जी जरूर पूरा करते हैं।
ग्राम पवनी में हनुमान जी के मूर्ति के नीचे है एक अद्भुत सुरंग
माथ नवाकर श्रद्धालु अपनी कामना पूर्ण होने की मनोकामना करते हैं। माना जाता है कि जब कोई डाकू इस शिला को यहाँ से ले जाने की कोशिश किये तो इसे हिला भी न पाए।। पद चिन्ह के पास एक लंबी सुरंग दिखाई देती है जिसके अंतिम छोर का कोई पता नही। ग्राम वासियों ने मिलकर इस साक्ष्य को और अद्भुत बना दिया है। कई सौ साल पहले यहाँ पद चिन्ह के पास भक्तों ने हनुमान जी का मूर्ति स्थापित किया है जो आज भी विख्यात है। कहते है जो चीजे जितनी पुरानी होती है उसकी मान्यता उतनी ही बढ़ती है सालों से यह मंदिर विख्यात है जिसे ग्राम वासियों ने और भी प्रसिद्ध कर दिया है।
पवनी का नाम पवनी कैसे पड़ा ??
बलौदाबाजार जिले के बिलाईगढ़ तहसील अंर्तगत एक गांव है पवनी। यह क्षेत्र सैकड़ो साल पहले पूरी तरह जंगल से घिरा हुआ था जिसमे लोग धीरे धीरे आशियाना बनाकर रहने लगे । गांव के नामकरण की बात आई तब ग्रामवासियों ने ग्राम में पवनपुत्र का पद चिन्ह देखकर गांव का नाम पवनी रखा। बलौदाबाजार जिले के दूसरे नम्बर के सबसे बड़ा पंचायत ग्राम पवनी है । जो यहाँ के वासियों के कारण हमेशा चर्चा में रहता है।।
बजरंग सेवा समिति निकालते है शोभायात्रा
लगातार तीन वर्षों से ग्राम पवनी के बजरंग सेवा समिति के द्वारा हनुमान जन्मोत्सव के दिन डीजे,भगवा ध्वज और हनुमान जी की झांकी के साथ पूरे ग्राम में शोभायात्रा निकाला जाता है। जिसमे छोटे छोटे बच्चो से लेकर युवाओं और बुजुर्गों के हाथों में भगवा ध्वज और वही घर की महिलाओ माता और बहनों के सिर पर कलश होती हैं जिसके साथ पूरे ग्राम वासी नाचते गाते पूरे गांव का भ्रमण करते हैं। ग्राम वासियों की पवनपुत्र से यही कामना है कि उनका ग्राम सदा खुशियो से झूमता रहे।
बजरंग सेवा समिति का कहना है अपनी पूरी श्रद्धा भक्ति से पूरे ग्राम वासियों के सहयोग से हर वर्ष यह शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा। जिस तरह इस साल कुशलमंगल से हनुमान जी की आरती, रामायण, शोभायात्रा, प्रसाद वितरण और भंडारा का आयोजन पूरे युवाओं ने मिलकर किया यह हर वर्ष होता रहे।