
नगर पालिका तिल्दा नेवरा छोटे व्यापारियों का हक मारकर बड़े व्यापारी कर रहे हैं व्यापार तिल्दा नेवरा नगर पालिका क्षेत्र स्थित दैनिक सब्जी बाजार में बड़े सब्जी व्यापारियों का कब्जा कोरोना काल से पहले यहां पर दैनिक सब्जी बाजार प्रत्येक रविवार और बुधवार को लगाया जाता था जिसे कोरोना कॉल को ध्यान में रखकर दैनिक सब्जी बाजार दुकान लगाना बंद करवा दिया गया था जिसका फायदा उठाकर अब बड़े सब्जी व्यापारियों द्वारा यहां पर कब्जा कर लिया गया है
नगर प्रशासन का कहना है कि कोरोना कॉल खत्म होते ही थोक सब्जी व्यापारियों को पुनः अपने स्थान पर स्थानांतरण किया जाएगा।परंतु व्यापारी संघ अध्यक्ष का कहना है कि हमें यहां की दुकानें वह चबूतरे ₹600 प्रति माह कि दर से किराए पर दिया गया है क
कोरोना कॉल अभी चलता ही रहेगा जब पूरी तरह कोरोना कॉल खत्म हो जाएगा तब हम इस जगह को छोड़ेंगे।
मजेदार बात यह है कि छोटे सब्जी व्यापारी कोचिंया अपना व्यापार रोड किनारे करते हैं मान लिया जाए कि किसी दिन किसी प्रकार की घटना दुर्घटना होती है तो इसका जवाब दार कौन होगा नगर प्रशासन की बड़े सब्जी व्यापारी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां पर दुकान लगाने हेतु बड़े व्यापारियों व नगर जनप्रतिनिधियों के साथ लाखों रुपए का लेन-देन होने का बाद सामने आ रही है यह बात भी है की विगत वर्षों से छोटे सब्जी व्यापारी को कोचिया के लिए प्रशासन के द्वारा चबूतरा व सेड बनाया गया था लेकिन अब देखा गया कि छोटे सब्जी व्यापारी जमीन में बैठ कर अपना व्यापार करते हैं और बड़े सब्जी व्यापारी सेड चबूतरे मे बैठकर अपना नीलामी व अपना व्यापार करते हैं जबकि बड़े व्यापारियों के लिए विगत वर्षों से हाई स्कूल रोड स्थित बाजार में नीलामी करने के लिए दुकाने आवंटित की गई है कोरोना काल को देखते हुए नगर प्रशासन ने नेवरा बुधवारी बाजार में अस्थाई रूप से व्यापार करने हेतु बोला गया था जिसे अब बड़े सब्जी व्यापारी छोड़ना नहीं चाह रहे हैं।
क्या छोटे सब्जी व्यापारी को अपना व्यापार रोड किनारे ही करना होगा?
क्या में बड़े सब्जी व्यापारियों का इसी तरह मनमानी छोटे व्यापारी झेलते रहेंगे?
क्या बड़े सब्जी व्यापारियों के हित के लिए नगर प्रशासन ने कुछ सोचा है?
इसी प्रकार छोटे सब्जी व्यापारी कोचियो पर शोषण होता रहेगा?
क्या किसी दिन रोड किनारे बैठे छोटे सब्जी व्यापारी के साथ रोड में आने जाने वाले वाहनों से घटना दुर्घटना होती है तो इसका जवाब दार कौन होगा?बड़े सब्जी व्यापारी कि नगर प्रशासन?