
प्रतापपुर – ब्लाक मुख्यालय से महज 5 किमी दूर ग्राम पंचायत सरहरी में निर्मित गोठान की गुणवत्ता की पोल खुलने लगी है। निर्माण कार्यों में उपयोग किए जाने वाले ईंट औल गिट्टी घटीया स्तर का उपयोग किया जा रहा है वही इन कार्यों का निरीक्षण करने की जिम्मेदारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अनुविभागीय अधिकारी की होती है लेकिन जब से लें एसडीओ की नियुक्ति प्रतापपुर में हुई है तब से उनकी लापरवाही कुछ अधिक ही बढ़ गई है कार्यों का निरीक्षण करते हैं नाही मुख्यालय पर रहते हैं।

राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरुवा, घुरवा व बाड़ी योजना के तहत पंचायतों में गोठान का निर्माण कराया गया है। मगर कई जगह के गोठानों में गुणवत्ता विहीन होने से इसका लाभ मवेशियों को सही ढंग से नहीं मिल रहा है।
प्रतापपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत सरहरी में नरवा, गरुवा, घुरवा व बाड़ी योजना के तहत गोठान का निर्माण पिछले एक साल से कराया जा रहा है। इसके निर्माण पर लाखों रुपए पानी की तरह खर्च किए जा रहे हैं ताकि यहां मवेशियों के लिए चारा-पानी की व्यवस्था की जा सके। लेकिन निर्माण अभी पूर्ण भी नहीं हुआ है और गोठान की हालत जर्जर हो गई है।

गोठान में मवेशियों को चारा पानी देने के लिए टंकी बनाया गया हैं लेकिन गुणवत्ताहीन निर्माण के चलते अभी से ही टूटने लगा है । टंकियों में कई जगह दरारें पड़ गई है। दरअसल निर्माण के दौरान स्थल चयन के लिए तकनीकी पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया गया। निर्माण में गुणवत्ताहीन निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया। सरपंच व निर्माण की मानिटरिंग में लगे तकनिकी सहायक और एसडीओ ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया जिसके चलते इसकी मजबूती प्रभावित हुई है।
मवेशियों को गोठान में निर्मित टंकी का लाभ नहीं मिल पाएगा। मगर इससे किसी को कोई सरोकार नहीं हैं। वहीं बात करें एसडीओ मुख्यालय पर भी बिल्कुल नहीं रहते हैं जिसे कार्यों की गुणवत्ता में बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है इनके कार्यप्रणाली पर कई प्रकार के प्रश्न खड़ा हो रहे