
रायपुर – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर अब अपराध की राजधानी बन चुका है। यहां पुलिस ने कई बार रायपुर को ‘फ्री क्राइम कैपिटल’ कहा है। किंतु राजधानी रायपुर में बढ़ते क्राइम के आंकड़े बहुत ही चिंताजनक है। कहने के लिए तो रायपुर को सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से प्रदेश का सबसे चाक-चौबंद शहर कहा जाता है। लेकिन हकीकत कुछ और बयां करती है। अब यहां आलम यह है कि रायपुर में लोग डर-डर कर अपना जीवन जी रहे हैं। राजधानी की बहती शांत हवाओं में अपराध का जहर इतना ज्यदा घुल चुका है कि यहां की हवाएं बहुत ही जहरीली हो चुकी है।
रायपुर शहर में कई बदमाश सक्रिय हैं। ये सक्रिय बदमाश कई वारदातों को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे रहे है। वे कई अपराध जैसे हत्या, बलात्कार, अपहरण और चोरी इत्यादि खुलेआम करते जा रहे हैं।
क्या कहते हैं ग्राफ
राजधानी रायपुर में बढ़ते क्राइम ग्राफ की जब पड़ताल की गई तो पता चला कि, जुलाई महीने में ही 853 अपराध दर्ज हुए हैं। यह आंकडा शहर की आपराधिक छवि को बताने के लिए काफी है।
डर कर जिंदगी बिताने को मजबूर हैं शहरवासी
बता दें कि राजधानी में हत्या, लूट और चोरी की वारदात से परेशान शहरवासी खौफजदा जिंदगी बिताने को मजबूर हो गए हैं। जैसे ही शाम ढलता है, आम लोगों को सूने इलाकों से गुजरना मुश्किल हो गया है। यहां कब कौन लूट का शिकार हो जाए, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है।
आंकड़े बयां कर रहें हकीकत
राजधानी रायपुर में जुलाई में ही 853 मामले दर्ज हुए हैं जिनमें हत्या के प्रयास के 10 मामले, दुष्कर्म के 26, अपहरण के 56, लूट के 14, चोरी के 119, धोखाधड़ी के 23, आगजनी के 3 और यौन उत्पीड़न के 5 मामले दर्ज हुए हैं।
इधर, लगातार बढ़ती ही जा रही आपराधिक घटनाओं से राजधानी के लोग डर के साए में जी रहे हैं। ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं।