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आदिपुरुष के मेकर्स की हाईकोर्ट ने खड़ी कर दी खटिया, कहां रामायण-कुरान जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो बख्श दीजिए’

नई दिल्ली। बता दे की ओम राउत की डायरेक्टेड फिल्म ‘आदिपुरुष’ रिलीज के बाद से ही विवादों का सामना कर रही है। अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी फिल्म को लेकर टिप्पणी करते हुए फटकार लगाई है। मूवी को लेकर एक याचिका कोर्ट में दायर की गई थी और इसी पर सुनवाई हुई है। ओम राउत के निर्देशन में बनी इस फिल्म के खिलाफ हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की गई थी।

अधिवक्ता कुलदीप तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 26 जून को सेंसर बोर्ड और फिल्म के मेकर्स को जमकर फटकार लगाई। इस बारे में याचिकाकर्ता ने बयान जारी करते हुए कहा, ”आदिपुरुष को लेकर हमारी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की बेंच ने सेंसर बोर्ड और फिल्म के मेकर्स को फटकार लगाई है।”

उन्होंने कहा कि कोर्ट ने सेंसर बोर्ड की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अश्विनी सिंह से पूछा कि सेंसर बोर्ड क्या करता है? सिनेमा समाज का दर्पण होता है। क्या सेंसर बोर्ड को अपनी जिम्मेदारियां नहीं पता है? कोर्ट ने यह भी कहा कि केवल रामायण ही नहीं बल्कि कुरान, गुरू ग्रंथ साहिब और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों तो कम से कम बख्श दीजिए। अब इस मामले में 27 जून को दोबारा सुनवाई होगी।

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