
रायपुर: छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण का विवाद बढ़ता रहा है, भाजपा के आदिवासी नेता आज नेशनल हाईवे में चक्काजाम करेंगे। इस मामले में मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण मिलना चाहिए। भाजपा के राज में जो हाई कोर्ट में तथ्य दिए गए थे वो सही नहीं थे। जिसके आधार पर कोर्ट का डिसीजन आया है। हाई कोर्ट का निर्णय है उसके लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी भी कर रहे हैं। एक बड़ी चुनौती हैं सभी से बैठक कर चर्चा करेंगे। जब भाजपा सत्ता में थी तो हम सब आदिवासियों ने मिलकर आंदोलन किया था। हमारे दबाव उन्होंने आरक्षण बढ़ाया था लेकिन उनको पच नहीं रहा है, उन्होंने गलत रिपोर्ट भेज दिया है.(32 percent reservation)
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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले बिलासपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश में 58 प्रतिशत आरक्षण को रद्द किया है। ये मामला 2011 में सरकारी नियुक्ति सहित अन्य दाखिला परीक्षा में आरक्षण से जुड़ा है। इस मामले में हाईकोर्ट ने 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण के असंवैधानिक बताते हुए आरक्षण को रद्द कर दिया। इसके बाद छत्तीसगढ़ में वर्गवार आरक्षण की स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। आदिवासियों का आरक्षण 32 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हो गया है। इस लिए आदिवासी समाज इससे नाराज है.(32 percent reservation)
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