
बिलासपुर। रतनपुर में रेप पीड़िता की मां पर 10 साल के बच्चे का यौन शौषण करने का आरोप लगा था। अब इस मामले को लेकर नया मोड़ सामने आ गया है। रेप पीड़िता की मां को यौन शोषण के केस में फंसाने के लिए झूठी FIR दर्ज कराई गई थी। इस बात का खुलासा ASP की जांच रिपोर्ट में हुआ है। इसके बाद SP संतोष कुमार सिंह ने केस खारिज करने के लिए कोर्ट में जांच रिपोर्ट पेश की है। बता दें, दस साल के बच्चे की मां ने अपने बेटे के यौन शोषण की झूठी कहानी बता कर थाने में केस दर्ज करवाया था। पुलिस को गुमराह करने के लिए पहले तो रायपुर में केस दर्ज करवाया, इसके बाद रतनपुर थाने में जाकर रिपोर्ट लिखवाई। आरोप लगने के बाद रेप पुलिस ने रेप पीड़िता की मां को जबरन घर से उठा लिया था और उसे गिरफ्तार कर लिया था। Sexual harassment case turned out to be fake
बिना सबूत के रेप पीड़िता की मां को गिरफ्तार करने की वजह से विश्व हिंदू परिषद और सामाजिक संगठनों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इस आंदोलन के बाद SP संतोष सिंह जांच टीम गठित की थी। और सात दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने महिला को जमानत दे दी। इस मामले में SP संतोष सिंह ने फर्जी केस दर्ज करने और पुलिस अफसरों को गलत सूचना देने के आरोप में टीआई कृष्णकांत सिंह को सस्पेंड कर दिया था। इसके अलावा कोटा SDOP सिद्धार्थ बघेल को कारण बताओ नोटिस भेज दिया था।
जानकारी के मुताबिक, दुष्कर्म पीड़िता युवती और उसकी मां को केस वापस लेने के लिए युवक के परिवार ने दबाव बनाया था। जब इन मां-बेटी इन लोगों को बातों में नहीं फंसे तो 10 साल के बच्चे के यौन शौषण का आरोप रेप पीड़िता की मां पर लगा दिया गया। झूठी कहानी बनाकर पहले बच्चे को लेकर रायपुर के थानों में पहुंची और केस दर्ज कराया था। लेकिन, रायपुर पुलिस ने केस दर्ज करने से मना कर दिया था, तब जाकर बच्चे की मां रतनपुर थाने पहुंच गई। लेकिन दर्ज रिपोर्ट पूरी तरह से झूठी साबित हो गई है। पुलिस की माने तो FIR कराने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। Sexual harassment case turned out to be fake